छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने फंसाया पेंच, कोयले की कमी से अंधेरे में डूबने की कगार पर राजस्थान, जानिए वजह?

कोयला संकट के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का मंगलवार को सीएम भूपेश बघेल से मिलने का कार्यक्रम था। हालांकि, ऊर्जा मंत्री भाटी का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यूपी चुनाव में प्रचार करने के लिए गए है। इसलिए मुलाकात नहीं हो पाई।

। फिलहाल छत्तीसगढ़ सरकार ने कोयले खनन पर रोक लगा रखी है। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि राजस्थान में कोल इंडिया लिमिटेड से जुड़े थर्मल पावर  प्लांट कोटा में करीब  7 दिन, सूरतगढ़ में 3 दिन और छाबड़ा में 1 दिन के कोयले का स्टाॅक है। सीईए के मानदंडो के अनुसार पिट हेड से दूरस्थ तापीय विद्युत गृहों  में 20 से 26 दिन का कोयला स्टाॅक होना आवश्यक है। कोयले की कमी से बिजली  उत्पादन में व्यवधान रहा है। जिससे भविष्य में बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के तापीय विद्युत गृहों को वर्तमान में  9.3 रैक प्रतिदिन  कोयला आपूर्ति  की जा रही है। कोयले की कमी के कारण ध्यान मे रखते हुए राजस्थान को इसके अतिरिक्त 6 रैक रोज दी जाए। इससे राजस्थान के 15.3 रैक प्रतिदिन की आपूर्ति  हो पाएगी।

छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने खदान से कोयला निकालने पर रोक लगा रखी है। एंवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार ने कोयले खनन पर रोक लगाई है। लेकिन राजस्थान के पास पर्याप्त कोयले का स्टाॅक नहीं है। ऐसे में कोयलो का खनन रोकने से राजस्थान में बिजली संकट बढ़ सकता है।