चुनौती बढ़ाने आ रहे हैं शाह: जानें क्यों करहल में खुद मुलायम उतरने को मजबूर, फंस गई है अखिलेश यादव की सीट?

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऐसा दांव खेला कि अब यहां मुकाबला टक्कर का हो गया है। कभी मुलायम के बेहद खास रहे और अब मोदी सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल से मुकाबले में बेटे अखिलेश की जीत सुनिश्चित करने के लिए आज खुद सपा संस्थापक मैदान में उतरेंगे। वहीं, बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह भी आज यहां प्रचार के लिए आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में चल रहे सत्ता संग्राम के बीच मैनपुरी के सांसद और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पहली बार चुनाव प्रचार में उतरने जा रहे हैं। मुलायम सिंह मैनपुरी के कोसमा में आयोजित जनसभा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करेंगे।

इटावा और मैनपुरी सपा का बेहद मजबूत किया है। 2017 में जब बीजेपी यूपी में 300 से अधिक सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब रही थी तब भी मैनपुरी की चारों सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा था।

बीजेपी ने इस बार कभी यादव परिवार के बेहद खास रहे एसपी सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतार दिया है। वह राजनीति के बेहद मंझे हुए खिलाड़ी हैं। कभी मुलायम के सुरक्षा अधिकारी रहे बघेल उनसे सियासी अखड़े के कई दांव सीख चुके हैं और अब उन्हीं के सहारे अखिलेश को पटखनी देने की कोशिश कर रहे हैं। करहल में कुल 3 लाख 71 हजार वोटर हैं। जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सर्वाधिक 1 लाख 44 हजार यादव वोटर हैं तो 14 हजार मुस्लिम हैं। यादव-मुस्लिम सपा के कोर वोटर माने जाते हैं। वहीं, एम-वाई के अलावा करहल में 35 हजार शाक्य वोटर हैं, 34 हजार जाटव, 25 हजार क्षत्रिय, 14 हजार ब्राह्मण , 14 हजार पाल, 10 हजार लोधी, 17 हजार कठेरिया, 14 हजार मुस्लिम, 3 हजार वैश्य वोटर हैं। गैर मुस्लिम और यादव वोटर्स की कुल संख्या भी डेढ़ लाख से अधिक है, जिस पर बीजेपी फोकस कर रही है। ऐसे में यदि एम-वाई को छोड़कर अन्य जातियों के वोटर्स को गोलबंद करने में कामयाब हो जाती है तो मुकाबला बेहद करीबी हो जाएगा।