
गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुये आयोग ने निर्णय लिया है कि मतदान की अवधि को एक घंटे के लिए बढ़ा दिया जाए।
सुशील चंद्रा की अगुवाई में आयोग के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय समीक्षा दौरे में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा विभन्नि जांच एजेंसियों सहित निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अन्य पक्षकारों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद यह जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 14 मई को समाप्त हो रहा है। राज्य में कुल 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 317 सामान्य, 84 अनुसूचित जातियों तथा 02 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी सीटों पर विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव कराए जाने हैं।
संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए आयोग उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त और कोरोना सुरक्षित चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। चंद्रा ने कहा कि आयोग का यह प्रयास है कि आगामी चुनाव में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, महिलाओं और नए मतदाताओं सहित सभी मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो। इसके लिए विशेष उपाय भी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव में 1250 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र बनाने का फैसला किया गया है। अब तक एक मतदान केन्द्र पर अधिकतम 1500 मतदाता होते थे। इस प्रकार राज्य में 1 लाख 74 हजार 351 मतदान स्थल स्थापित किए जायेंगे। यह संख्या पिछले चुनावों से 11,020 अधिक है।