ग्राउंड रिपोर्ट सीकर यहां लड़ाई मोदी और महरिया के बीच, माकपा भी गेम चेंजर

सीकर सीट टिकट- घोषणा के साथ ही चर्चाओं में है कि राजस्थान में कांग्रेस का खाता यहीं से खुलेगा। हमने सबसे पहले इसी की तह में जाने की कोशिश की। आठ विधानसभाओं के 37 गांवों तक पहुंचे। कहीं भी माहौल एक पक्ष में नहीं है। ये चुनाव नई भाजपा (सांसद सुमेधानंद) वर्सेज पुरानी भाजपा (कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष महरिया) का भी बताया जा रहा है। माकपा भी सियासी समीकरण बिगाड़ सकती है।

चौमूं : कालाडेरा बस स्टैंड। सब्जी लेने के लिए कुछ लोग विक्रेता गणेशराम के पास खड़े हैं। चुनाव का पूछा तो कहते हैं, हम भाजपा के सुमेधानंद (बाबाजी) को नहीं जानते…हम तो राष्ट्र को जानते हैं। मलिकपुर बावड़ी में मुख्य चौराहे पर शनि मंदिर के पुजारी विनोद भार्गव बोले- पांच साल में बाबाजी की तो शक्ल भी नहीं देखी। हमारे लिए तो महरियाजी ही ठीक हैं।

धोद : सीकर-खुड़ मार्ग पर खेत में कुछ लोग काम रहे थे। गृहिणी कमला देवी ने कहा-कर्ज तो अमरौ बाबौ माफ करवायो। अमराराम सीकर से माकपा प्रत्याशी हैं। रसीदपुरा प्याज मंडी के पास प्याज बेच रहीं धापू देवी से पूछा- मां जी, वोट कीन देस्यो? बोलीं-बेटा, ‘म्हारे भाग री रेखा माथे में कील कुण मार सके है…प्याज रुवाण रयो है…।’

सीकर : शाम को वार्ड संख्या तीन में कोचिंग से छूटकर कुछ स्टूडेंट घर जा रहे हैं। यहां स्टूडेंट मुकेश गुर्जर का मानना था कि भाजपा राज में भ्रष्टाचार घटा है। तापड़िया बगेची में कपड़े खरीदने आई गृहिणी शारदा कहती हैं-मोदी है तो देश है।

खंडेला : भादवाड़ी में मंदिर की चबूतरी पर कुछ लोग बैठे थे। यहां व्यापारी रामनिवास चौधरी को टटोला तो उनका कहना था कि पहले कांग्रेस के पक्ष में थे, लेकिन अब नहीं, क्योंकि मोदी ने पाक को सबक सिखा दिया। बस स्टैंड पर घचीपुरा के भींवाराम ने बताया कि विधानसभा में भाजपा के साथ थे, अब महरिया के साथ हैं।

लक्ष्मणगढ़ : घंटाघर यहां मुख्य मार्केट है। आसपास के 12-15 गांवों के लोग यहां आते हैं। शादी में जा रहे किसान सुरेश चौधरी कहते हैं, महरियाजी अपनी पार्टी के नहीं हो सके तो हमारे क्या होंगे? सेकेंड ईयर स्टूडेंट मोहम्मद उमर ने कहा- मेरा परिवार तो कांग्रेस को ही वोट देगा। कांग्रेस ने कर्ज भी माफ किया है। अब भत्ता भी मिलेगा।

नीमकाथाना : आदर्श कॉलोनी में पानी मुद्दा है। मेडिकल स्टोर के बंटेश शर्मा और एमकॉम स्टूडेंट नवीन जांगिड़ बोले- सीकर में बाबाजी का विरोध धरा रह जाएगा। कांग्रेस तो चुनाव में है नहीं। पास के गांव छावनी में खेत से लौट रहे किसान सीताराम सैनी ने कहा- राहुल प्रधानमंत्री बनें हमारा तो यही सपना है।

दातारामगढ़ : सुबह काफी युवा जिम जा रहे थे। हम भी जिम पहुंचे। संचालक इनायत अली ने बताया- यमुना का पानी आज तक वादों में ही है। नोटा को वोट देंगे। दांता में ई-मित्र पर किसान सम्मान निधि के फॉर्म भरे जा रहे थे, पूछा तो संचालक कैलाशचंद्र का कहना था कि कांग्रेस सरकार ने सूची ही नहीं भेजी। देश के लिए मोदी ही सही विकल्प है।

श्रीमाधोपुर : मजदूरी पर जा रहे संतोष धोबी से पूछा तो बोला- मोदी की साफ छवि है। बस स्टैंड पर किरोड़ीलाल जाट ने कहा- महरियाजी में ही दम है।

कांग्रेस : महरिया की राजनीतिक विरासत दांव पर लगी है इस बार पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सुभाष महरिया का टिकट काटा था। इसके बाद वे निर्दलीय लड़े। इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। पिछली बार उन्हें 1,88,841 वोट मिले थे। चुनाव मैनेजमेंट के साथ छवि का फायदा मिल रहा है।

भाजपा : सुमेधानंद के लिए सीट बरकरार रखने की चुनौती होगी सांसद सुमेधानंद सरस्वती आर्य समाज के प्रतिनिधि के रूप में हैं। पहली बार सीकर से ही इन्होंने चुनाव लड़ा था। मोदी लहर के कारण 2,39,196 लाख वोट से जीते थे। पांच साल में साफ छवि और कोई विवाद न होने का लाभ मिल रहा।

माकपा : कर्जमाफी व प्याज आंदोलन की शुरुआत माकपा ने ही की थी। ऐसे में किसानों का झुकाव माकपा की  ओर दिख रहा है। यहां से माकपा के अमराराम प्रत्याशी हैं। दातारामगढ़ और धोद के साथ कुछ हद तक लक्ष्मणगढ़ में असर डालते हैं। किसान का रुख न बदा दो भाजपा-कांग्रेस दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है।