गोवर्धन में मंदिरों के कपाट आज खोल दिए गए हैं। गुरुवार देर शाम को सेवायतों ने अनिश्चितकाल तक मंदिरों के कपाट बंद रखने का फैसला वापस ले लिया। इससे पहले मंदिर दानघाटी के सामने आरती स्थल तोड़ने के विरोध में दूसरे दिन गुरुवार को भी गोवर्धन में मंदिरों के कपाट बंद रहे।
भड़के सेवायत दिनभर सड़कों पर रहे और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और सांसद हेमामालिनी के प्रति भी लोगों ने गुस्सा दिखाया। विरोध को देख प्रशासन ने फिलहाल अतिक्रमण हटाने का अभियान रोक दिया है।
शाम को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सेवायतों की वार्ता हुई, लेकिन उसमें कपाट खोले जाने पर सहमति नहीं बनी। बाद में मंदिर प्रबंधन और सेवायतों ने मंदिरों के कपाट अनिश्चितकाल तक बंद करने के फैसले को वापस ले लिया।
यह जानकारी देते हुए दानघाटी के सेवायत रामेश्वर पुरोहित ने बताया कि यह फैसला श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए लिया है। इस दौरान तीर्थ पुरोहित सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक भी मौजूद रहे।