गाजियाबाद में हर हफ्ते मिल रहे चार-पांच मरीज, कोरोना से ठीक हुए लोगों में हृदय रोग का अधिक खतरा

कोरोना काल में पोस्ट कोविड मरीजों में ह्रदय रोग के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं। इस समय गाजियाबाद में हफ्ते में चार-पांच मरीज इस तरह के डॉक्टरों के पास आ रहे हैं।

कोरोना काल में संक्रमित होने के बाद मरीजों को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के साथ स्टेरॉयड भी दवा के रूप में काफी मात्रा में दिया गया। ऐसे में मरीजों ने कोरोना को तो मात दे दी, लेकिन उनके शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों ने जन्म ले लिया। जहां पोस्ट कोविड मरीजों में ह्रदय रोग, हड्डी रोग, मांसपेशी रोग आदि बीमारियां सामने आई हैं।

शरीर में खून पतला करने के लिए स्टेरॉयड व अन्य दवाइयों की सलाह दी जाती हैं, लेकिन स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन हानिकारक होता है। हाल में कोरोना संक्रमित मरीजों में ह्रदय रोग ज्यादा बढ़ गए हैं। जिन्हें सांस फूलने, मांसपेशियों में दर्द आदि लक्षण देखने को मिल रहे हैं।

हार्ट अटैक के इन लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए : वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विनय भट्ट कहते हैं कि हार्ट अटैक के कई लक्षण होते हैं।हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को इस तरह कम करें

● आरामदायक जीवनशैली से बचना।

● जीवनशैली में शारीरिक गतिविधियां बढ़ाकर और समय पर दवाइयां लेकर ब्लड प्रेशर ठीक रखना

● तनाव कम करने की कोशिश करना। हृदय पर इसके प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

● वसा मुक्त, उच्च फाइबर वाला पौष्टिक भोजन से बचना।

● धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए।

”हृदय की बीमारी अक्सर बुजुर्गों में देखी जाती हैं। लेकिन आज के समय में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। क्योंकि अव्यवस्थित जीवनशैली और खानपान से उनमें उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और मोटापा बढ़ रहा है। यह चिन्ताजनक है, इसके लिए शरीर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।”

हार्ट अटैक के इन लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए

 तेज थकान या सीने में भारीपन महसूस करना ●सांस तेज चलने या ज्यादा पसीने आना ● गर्दन, पीठ, कमर, जबड़ों या बांह में दर्द होना ● शारीरिक क्षमता कम होना