गणपति बप्पा की आरती से पहले हुआ हादसा गैस सिलिंडर से हुई गैस लीक, 6 लोगो आग में झुलसे

गणपति बप्पा की आरती की खुशियां उस समय गम में बदल गईं जब घरेलू गैस सिलिंडर का पाइप निकलने से आग लग गई। हादसे में पड़ोसी सहित छह लोग झुलसकर घायल हो गए। जब तक घर के सदस्य कुछ समझ पाते तब तक ने विकराल रूप ले लिया।

लक्ष्मी नगर के एक मकान में स्थापित गणपति बप्पा की सुबह आरती से ठीक पहले लगी आग ने जमकर तांडव मचाया। कमरे के बाहर गैस सिलिंडर का अचानक पाइप निकलने पर उसमें आग लग गई और देखते ही देखते गैस के कारण पाइप से निकली लपटें कमरे में विराजमान गणपति बप्पा की ज्योत तक पहुंच गई। परिवार के सदस्य इतने में संभल पाते कि आग फैल गई। बुझाने का प्रयास करने वाले पड़ोसी सहित परिवार के छह सदस्य झुलस गए।

हादसा सुबह करीब 9 बजे हुआ जब परिवार के मुखिया 42 वर्षीय रोहित गैस पर आलू उबाल रहा था। इस हादसे में 42 वर्षीय रोहित, उसकी पत्नी 46 वर्षीय सपना, 41 वर्षीय साला युगल किशोर, साले की पत्नी चेतना व 15 वर्षीय बेटी अंशु व पड़ोसी 35 वर्षीय घनश्याम के पैर व टांगे झुलस गई। स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव कर घायलों को अंबाला शहर नागरिक अस्पताल के ट्रामा सेंटर में दाखिल किया गया। जहां से बाकी सदस्यों को तो प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया लेकिन रोहित व घनश्याम गंभीर रूप से झुलसे होने के कारण उन्हें दाखिल कर लिया।

आरती से पहले भक्तिमय माहौल चीख-पुकारों से गूंज उठा

रोहित ने बताया कि अचानक से गैस सिलिंडर की पाइप लाइन चूल्हे से निकल गई, और सांप की तरह लहराने लगी। इतने में वह उसे दुरुस्त कर पाते कि पाइप का मुंह कमरे की तरफ मुड़ गया। गैस इतने तेजी से निकल रही थी कि आग सीधा कमरे में विराजमान गणपति बप्पा के सामने पड़ी ज्योत तक पहुंच गई। हालांकि हादसे में झुलसे पड़ोसी घनश्याम ने अपनी बहादुरी से खुद के साथ-साथ पूरे परिवार की जान बचाई। हिम्मत दिखाते हुए सबसे पहले गैस सिलिंडर को उठाकर घर की दीवार से बाहर फेंक दिया। रोहित का कहना था कि आरती से पहले कमरे में भजन-कीर्तन चल रहे थे और पूरा परिवार आरती की तैयारियों में लगा हुआ था। भक्तिमय माहौल के बीच अचानक लगी आग के बाद कमरे में चीख-पुकार मच गई।

इन तरह से घटना के लिए यह बरतें सावधानी

ऐसी स्थिति में व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए। इस तरह की स्थिति बनने पर सबसे पहले रेगुलेटर बंद कर देना चाहिए। अगर संभव हो तो गीले कपड़े से या फिर गीली बोरी का प्रयोग किया जा सकता है। जिससे कि गैस का रिसाव एक हद तक कम हो जाता है। सबसे अहम भट्टी पर काम करने से पहले अच्छी तरह से जांच परख कर लेनी चाहिए। तब जाकर गैस को चालू करना चाहिए।