
फर्जी जमानतगीरों के जरिए जेल से रिहा होने वाले अपराधियों की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने बड़ा खुलासा किया है। 45 अपराधियों ने हाईकोर्ट को गुमराह करते हुए फर्जी तरह से जमानत हासिल की। टीम अब ऐसे लोगों सूची तैयार करा रही है। कागजातों की कॉपी निकलवाने के साथ उनकी अलग से रिपोर्ट तैयार हो रही है।
क्राइम ब्रांच ने वकील समेत पांच को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। यह गैंग औरैया में सबसे ज्यादा सक्रिय था।
जांच में पता चला कि गैंग के सदस्य 100 से ज्यादा लोगों की जमानतें करवा चुके हैं। एक प्रमुख तथ्य यह सामने आया है कि 45 अपराधियों की जमानतें फर्जी कागजात के आधार पर हाईकोर्ट तक से कराई जा चुकी हैं। इन लोगों के नाम क्राइम ब्रांच के पास पहुंच चुके हैं लेकिन केस की डिटेल नहीं है। टीम सभी अपराधियों के मुकदमे की डिटेल और जमानत के कागजात निकलवा रही है।
सरकारी वकीलों से ली गई मदद
इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ के सरकारी वकीलों से अधिकारियों ने संपर्क कर उन्हें ऐसे नामों की सूची सौंप दी है। शासकीय अधिवक्ता के जरिए कोर्ट से डाटा इकट्ठा कराया जा रहा है। साक्ष्य मिलने के बाद अपराधियों की जमानतें निरस्त कराई जाएंगी। बताया जा रहा है कि इस काम में कुछ सरकारी वकीलों से भी मदद ली गई थी।
जमानत निरस्त होगी
एडीसीपी क्राइम ब्रांच दीपक भूकर ने बताया कि जांच में पता चला कि गिरोह ने हाईकोर्ट में भी फर्जी दस्तावेज दाखिल कर कई अपराधियों की जमानत कराई गई। ऐसे अपराधियों को चिह्नित कर लिया गया है लेकिन साक्ष्य के लिए मुकदमों की डिटेल और दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। रिकॉर्ड उपलब्ध होने के बाद जमानत निरस्त कराई जाएंगी।