कैसे पहुंचा बम रोहिणी कोर्ट के अंदर? 70 लोगों से की पूछताछ, तीन घंटे की सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी स्पेशल सेल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल रोहिणी कोर्ट बम धमाके की जांच में जुट गई है। पुलिस इस वारदात में शामिल शख्स की तलाश के लिए घटना से ठीक तीन घंटे पहले तक की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

 टीम से जुड़े शख्स ने बताया कि कोर्ट में सुबह साढ़े सात बजे से सफाई का काम शुरू हो जाता है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि बम साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे के बीच ही कक्ष संख्या 102 में रखा गया होगा। इसलिए पुलिस कोर्ट परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल रही है।

इसके लिए स्पेशल सेल की टीम ने शुक्रवार को भी कोर्ट परिसर का दौरा किया और सबूत जमा किए। टीम ने डीवीआर को अपने कब्जे में लिया। चूंकि समय बीतने के साथ ही भीड़ बढ़ती जाती है। इसलिए अभी तक कोई अहम सबूत नहीं मिला है।

70 लोगों से पुलिस ने की पूछताछ, सफाई कर्मचारी भी शामिल

 शुक्रवार को करीब 70 लोगों से पूछताछ कर घटनाक्रम के विषय में जानकारी हासिल की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहली मंजिल पर आए लोगों की सूची बनाई जा रही है। इसमें सफाई कर्मचारी से लेकर कोर्ट के कर्मचारी भी शामिल थे। पूछताछ के दौरान वह सफाई कर्मचारी भी मौजूद था जिसने कमरा संख्या 102 की सफाई की थी। हालांकि किसी ने लैपटाप बैग वाले शख्स के बारे में जानकारी होने से इंकार किया है। पुलिस के अनुसार लैपटॉप वाला बैग अक्सर कोर्ट आने वाले शख्स द्वारा रखे जाने की संभावना है।

घटना से पहले कोर्ट परिसर में आई कारों के नंबरों की जांच

पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को सुबह से लेकर सवा दस बजे तक कोर्ट में आने वाली कारों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। एक टीम इन कारों के नंबरों की सूची तैयार कर रही है ताकि संदिग्धों की पहचान की जा रही है। जिनके आधार पर जल्द ही पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे की गु‌णवत्ता बनी समस्या, 88 कैमरे लगे

अदालत परिसर में कुल 88 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। लेकिन इन कैमरों की कम क्षमता होने के कारण पुलिस को जांच में समस्या आ रही है। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 53 और पीडब्ल्यूडी की तरफ से 53 कैमरे लगाए गये हैं। लेकिन काफी समय पहले लगे इन कैमरे की क्षमता बेहद कम है जिससे स्पष्ट तस्वीर नहीं दिखाई दे रही है।

गोगीकी हत्या के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी यूनिट को सौंप दी गई थी। सिक्योरिटी यूनिट ने अच्छी गुणवत्ता के कैमरे लगाने के लिए संबंधित एजेंसी को लिखा भी था।

रोहिणी कोर्ट की मुख्य इमारत के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसकी वजह से पुलिस को पहली मंजिल पर आने वाले लोगों की पहचान करने में भी दिक्कत हो रही है।