एफसीआई की विजिलेंस टीम ने गोदाम में की छापेमारी, सामान किया जब्त

धूलकोट स्टेशन पर मिली 50 चावल की बोरियों के मामले में शुक्रवार को एफसीआई की विजिलेंस टीम ने मानकपुर गोदाम पर छापामारी की और यहां का रिकॉर्ड जब्त किया। इसी गोदाम से ही 14 अगस्त को 50 चावल की अतिरिक्त बोरियों को मालगाड़ी में लोड करने के बहाने स्टेशन पर भेजा गया था। इन बोरियों को लोडिंग स्टेशन के एक तरफ दीवार के किनारे सरका दिया गया था ताकि किसी की नजर न पड़े, लेकिन आरपीएफ के कांस्टेबल ने इन बोरियों की सूचना विभागीय अधिकारियों को दे दी थी।

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किन मुद्दों पर हो रही है जांच:-

एफसीआई की बोरियां कैसे स्टेशन पहुंच गई और किस अधिकारी व कर्मचारी की मौजूदगी में यह गोलमाल हुआ है, क्या इससे पहले भी कभी एफसीआई के गोदाम से इस प्रकार बोरियां गायब हुई हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर पंचकूला से आई एफसीआई की विजिलेंस टीम ने रिकॉर्ड खंगालने का काम शुरू कर दिया है। वीरवार को भी विभागीय अधिकारी की निगरानी में टीम ने मानकपुर व नसीरपुर सहित अन्य गोदाम पर छापामारी की थी। मामला संदिग्ध होने पर अब विजिलेंस की टीम भी जांच में जुट गई है। शुक्रवार विजिलेंस टीम ने मानकपुर गोदाम से रजिस्टर, रसीद बुक, स्टॉक बुक सहित अन्य जरूरी सभी दस्तावेज जब्त किए जोकि इस मामले की सबसे अहम कड़ी बताए जा रहे हैं।

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यह था मामला

दरअसल 14 अगस्त की रात को अकलतारा स्टेशन से एक मालगाड़ी चावल की बोरियां लेकर धूलकोट स्टेशन पहुंची थी और यहीं से ही एक मालगाड़ी चावल की बोरियां लेकर आजमगढ़ के लिए रवाना हुई थी। इस दौरान लगभग 100 कट्टे स्टेशन पर ही रह गए थे। इनमें से 50 कट्टे संबंधित व्यापारी बिना रेलवे को जुर्माना दिए 14 अगस्त की रात को ही ट्रक में लोड करके ले गया था, लेकिन 50 कट्टे रेलवे परिसर में ही रह गए थे। रात के समय आरपीएफ कांस्टेबल गश्त करते हुए मौके पर पहुंचा और 50 लावारिस कट्टों को देखा तो उसने तुरंत मामले की जानकारी छावनी आरपीएफ पोस्ट पर इंस्पेक्टर को दी। इसके बाद चावल से भरी बोरियों को आरपीएफ ने कब्जे में लिया और इस संबंध में 15 अगस्त को उक्त दोनों व्यापारियों सहित एफसीआई अधिकारियों से पूछताछ की तो उक्त व्यापारी ने रेलवे को 1890 रुपये का भुगतान कर दिया, वहीं एफसीआई अधिकारी ने बताया कि गलती से 50 अतिरिक्त चावल के कट्टों को स्टेशन भेज दिया था, जब चावल की बोरियां मालगाड़ी में लोड की जा रही थी तो मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारी ने गलती पकड़ ली और कट्टों को स्टेशन पर ही एक तरफ रखवा दिया था जोकि अगले दिन उठा ली गई थी।