उत्तराखंड: चम्पावत में तापमान -1 डिग्री पहुंचा, चार जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना

चम्पावत के पहाड़ी हिस्से में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। पाले के चलते चम्पावत में नलों में पानी जमने लगा है। बीती रात चम्पावत में न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में जिले का पारा और गिरने की संभावना है।

जिला मुख्यालय में लोग इन दिनों पूस की सर्द रात का एहसास कर रहे हैं। बीते दो दिनों से जिले के मौसम में एकाएक बदलाव आया है। सुबह शाम यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दिन में चलने वाली सर्द हवाओं से लोगों का जीना मुहाल हो गया। रात के वक्त यहां जम कर पाला गिर रहा है। इस वजह से यहां नलों में पानी जमने लगा है। मंगलवार और बुधवार की रात जिला मुख्यालय में तापमान माइनस एक डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हालांकि दिन में अच्छी खासी धूप निकल रही है। लेकिन बर्फीली हवाओं के चलते धूप बेअसर साबित हो रही है।

राज्य के चार जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना
प्रदेश में अगले कुछ दिन कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं बारिश और हिमपात होने की संभावना है। अगले 48 घंटों में राज्य के मैदानी इलाकों में विशेषकर हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जनपदों में शीत लहर चलने की चेतावनी जारी की गई है। राजधानी में तापमान न्यूनतम चार डिग्री रहेगा और दोपहर को भी ठंडी हवाएं चलने से मौसम में ठिठुरन रहेगी।

बुधवार को भी दून में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 4.4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 18.9 डिग्री रहा। सुबह-शाम ठिठुरन बढ़ने से लोगों ने वॉक पर निकलना कम कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिन पर्वतीय इलाकों में हिमपात हो सकता है। इससे तापमान में और गिरावट दर्ज हो सकती है। मैदानी इलाकों में अब अगले कुछ दिन घना कोहरा छाएगा। इससे यातायात में दिक्कतें हो सकती हैं।

फलों को होगा काफी नुकसान
जबरदस्त पाला गिरने से सब्जियों और फलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। काश्तकार गणेश दत्त, अशोक कापड़ी, वजीर सिंह खाती, मोहन पांडेय और भुवन भट्ट ने बताया कि लहसुन, प्याज, मैथी, पालक, राई, धनिया आदि सब्जियों को नुकसान पहुंच रहा हैं। उधर, ललुवापानी रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग में छायादार जगहों में पाले की मोटी चादर बिछ रही है। इससे लगातार वाहनों का रपटने का खतरा बना हुआ है। सूखी ठंड पड़ने से जिला अस्पताल में अधिकतर खांसी, जुकाम, बुखार, दमा और जोड़ों में दर्द के मरीज पहुंच रहे हैं।

नमी की कमी की वजह से सब्जियों को पाले से नुकसान पहुंचता है। शाम के वक्त खेतों में पर्याप्त सिंचाई करने से पाले से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।- एनके आर्या, डीएचओ, चम्पावत