पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में रिक्त हुए पद पर किसी दूसरे दलित चेहरे को ही मौका दिया जा सकता है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पार्टी के कुछ दलित विधायकों ने तो दावेदारी भी पेश कर दी है। धामी मंत्रिमंडल में यह सीट पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के भाजपा छोड़ने के चलते खाली हुई है। हालांकि फिलहाल उनके सभी विभाग, मुख्यमंत्री ने अपने पास रख लिए हैं।.
सरकार यह खाली सीट भरेगी या नहीं, इसे लेकर अभी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में रिक्त पद को भरने के पक्ष में हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा आरक्षित कोटे से मंत्री बनाने के पक्ष में है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में दलित वर्ग को इसे भुनाया जा सके। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी इस पद को भरने से पहले हाईकमान से चर्चा करेंगे।
फिलहाल सबसे प्रबल दावेदारों में राजपुर रोड विधायक खजान दास, ज्वालापुर के सुरेश राठौर व बागेश्वर के चंदनराम दास के नाम की चर्चाएं हैं। उधर, सूत्रों ने बताया कि मंगलवार शाम को कुछ दलित विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की।
काऊ को लेकर भी चर्चा
काऊ भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के साथ नजर आए। माना जा रहा है कि हाईकमान से उन्हें कोई बड़ा भरोसा दिया है। इस बीच, काऊ समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि यशपाल को कांग्रेस छोड़ने के एवज में मंत्री पद दिया गया था। ऐसे में इस रिक्त पद पर काऊ की दावेदारी बनती है।
जीती थीं 10 आरक्षित सीटें
उत्तराखंड में पहले कांग्रेस को दलित वर्ग का बड़ा समर्थन मिलता रहा, पर 2017 के विधानसभा चुनाव में इस वर्ग का रुझान भाजपा के प्रति तेजी से बढ़ा है। यह इससे भी साबित होता है कि दलित कोटे के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों में से 10 पर भाजपा के प्रत्याशी निर्वाचित हुए थे।