इन दो नेताओं के बीच सीएम चेहरे की दौड़, पार्टी ने सर्वे में दिग्गजों को किनारे किया, मगर चुनना आसान नहीं

पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे की दौड़ में केवल दो नेताओं को ही पार्टी हाईकमान ने प्राथमिकता दी है। हाईकमान ने इस मामले में प्रदेश के सभी दिग्गज कांग्रेसियों को साइडलाइन कर दिया है। यहां तक कि जिन नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया था. सियासी गलियारों में अभी से यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि हाईकमान ने अगर मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ही अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया तो एक तरफ तो प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू मोर्चा खोलेंगे वहीं पार्टी के सीनियर नेता भी चन्नी की राह आसान नहीं रहने देंगे, क्योंकि ज्यादातर सीनियर नेता मानकर चल रहे हैं कि अगर चन्नी के हाथ में कमान आ गई तो अगले पांच साल के लिए बाकी सभी नेता पार्टी में हाशिए पर चले जाएंगे, भले ही उन्हें चुनाव जीतने के बाद मंत्री पद ही क्यों न मिल जाए।

राहुल गांधी द्वारा बीते सप्ताह की गई घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को 20 फरवरी को मतदान से पहले मुख्यमंत्री चेहरे के लिए अपनी पसंद बताने को कहा गया है। इसके बाद से प्रदेश कांग्रेस में सिद्धू और चन्नी के बीच दावेदारी के लिए संघर्ष तेज होने लगा है। फिलहाल, आम लोगों को भी इस मामले में अपनी राय देने के लिए टेली-कॉल मिल रहे हैं, जिसमें पूछा जा रहा है कि कांग्रेस को अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसे नामित करना चाहिए।कांग्रेस हाईकमान भले ही नवजोत सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी में से किसी एक को अगला मुख्यमंत्री घोषित करना चाह रही है लेकिन इस पद की दौड़ में अब तक तीन अन्य नेता भी खुलकर सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा हैं, जिनका कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद जाट सिख नेता के रूप में उनका चुनाव हो गया था.

 सिद्धू या चन्नी, फैसला लेना आसान नहीं
कांग्रेस हाईकमान ने फोन कॉल के जरिये नवजोत सिद्धू और चरणजीत चन्नी के समर्थन में सर्वे तो शुरू कर दिया है। फिर भी माना जा रहा है कि अनुसूचित जाति के सिख चन्नी और जाट सिख सिद्धू में से किसी एक का अगले मुख्यमंत्री के तौर पर चुनाव आसान नहीं है।