आठ घंटे की शिफ्ट में काम करेगी झारखंड पुलिस, सप्ताह में एक दिन छुट्टी भी

झारखंड पुलिस के आरक्षियों को आठ घंटे की पाली में काम करना होगा। साथ ही सप्ताह में एक दिन का अवकाश भी मिलेगा। मंगलवार को डीआईजी कार्मिक संगीता कुमारी ने इस संबंध में पुलिस की सभी शाखाओं के प्रमुखों व जिलों के एसपी को पत्र भेजा है। पुलिस मुख्यालय के आदेश में जिक्र है कि मुशहरी कमेटी ने पुलिस रिफार्म के लिए 49 बिंदुओं की अनुशंसा की थी। कमेटी की अनुसंशा में जिक्र था कि विधि व्यवस्था , अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों पर है, ऐसे में उनकी क्षमता के अनुरूप काम लिया जाए। पुलिस मुख्यालय के आदेश से राज्य भर के 66 हजार आरक्षी लाभान्वित होंगे।

क्या है आदेश में

पत्र में कहा गया है कि जिला के थाना, कार्यालय तथा पुलिस विभाग के अन्य कार्यालयों में काम की अधिकता के कारण पुलिसकर्मियों से आठ घंटे से अधिक समय तक काम लिया जाता है। ऐसे में पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता घट रही है। पुलिसकर्मी शारीरिक और मानसिक रूप से तनाव में भी रहते हैं। तनावग्रस्त पुलिसकर्मी विधि व्यवस्था, अपराध नियंत्रण जैसी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा सकते।

ऐसे में पुलिसकर्मियों से पाली व्यवस्था के आधार पर 24 घंटे में आठ घंटे तक तथा सप्ताह में छह दिन से अधिक कार्य नहीं लिया जाए। सभी जिलों के एसपी व शाखाओं के प्रमुखों को पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर पुलिस मुख्यालय को अवगत कराएं।

डीजीपी ने किया अनुमोदन
सिपाही स्तर के पुलिसकर्मियों के लिए मुशहरी कमेटी की सिफारिश लागू करने के लिए डीजीपी डीके पांडेय ने अनुमोदन किया था। डीजीपी के अनुमोदन के बाद इस संबंध में डीआईजी कार्मिक ने आदेश जारी कर दिया।

अफसर केंद्रित पुलिसिंग की कवायद
झारखंड में आरक्षियों के पदों को घटाते हुए अफसर केंद्रित पुलिसिंग की शुरूआत की गई है। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एसकेजी रहाटे के मुताबिक, आरक्षियों के छह हजार पदों को घटाते हुए दारोगा के छह हजार पद बढ़ाए गए हैं। अफसर केंद्रित पुलिसिंग से आमलोगों और पुलिस के बीच अच्छे रिश्ते बनेंगे। वर्तमान में राज्य पुलिस में सिपाहियों के 66 हजार, जबकि एएसआई से इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों के 19,600 पद हैं। पूर्व में राज्य में सिपाहियों के 72 हजार जबकि, जूनियर पुलिस अफसरों के 13,600 पद थे।

90% पुलिसकर्मी करते हैं आठ घंटे से अधिक काम
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने देशभर के 23 राज्यों व दो केंद्रशासित प्रदेशों में जाकर रिसर्च किया था। इस दौरान जो तथ्य सामने आए थे, उसके मुताबिक 90 फीसदी पुलिसकर्मी आठ घंटे से अधिक काम करते हैं। वहीं 73 फीसदी पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एक महीनें में एक बार भी साप्ताहिक अवकाश नहीं लेते।