अमृतसर हादसे के शिकार सात परिवारों को हर माह आठ-आठ हजार रुपये देंगे सिद्धू

चंडीगढ़। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ऐलान किया है कि अमृतसर रेल हादसे में मारे गए सात लोगों के परिजनों को वह अपने वेतन से आठ आठ हजार रुपये प्रति महीना देंगे। यह राशि उन्हें तब दी जाती रहेगी जब तक उन्हें वेतन मिल रहा है। ये सभी वे लाेग हैं जिनके जवान लड़के इस हादसे का शिकार हो गए हैं और वे खुद नौकरी लेने में असक्षम हैं।

नवजोत सिंह ने यहां मंगलवार को पिछले साल लुधियाना में हुए अग्निकांड में मारे गए नौ फायर कर्मचारियों के परिजनों को नियुक्ति पत्र दिया। इस मौके ने अमृतसर हादसे की चर्चा करते हुए सिद्धू ने कहा कि सात पीडि़त परिवारों को वह अपने वेतन से हर माह आठ-आठ हजार रुपये दें। सिद्धू ने कहा कि हादसे में मारे गए लोगों के के परिजनों को नौकरी मिल जाएगी लेकिन ये सात परिजन ऐसे हैं जो बहुत बुजुर्गहैं। वे नौकरी देने के किसी नियम में नहीं आते थे। इसलिए मैं अपने वेतन से इनको आठ आठ हजार रुपए देता रहूंगा। सिद्धू ने कहा कि अमृतसर रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने का काम 10 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

पांच को मिले नियुक्ति पत्र

बता दें कि लुधियाना अग्निकांड को आज पूरा एक साल हो गया है। सिद्धू ने कहा कि आज इस अग्निकांड में आग बुझाते समय फैक्टरी के अंदर पड़े कैमिकल में आग लग गई जिससे एक बहु मंजिला इमारत ढह गई। नौ अधिकारी व कर्मचारी इस इमारत के नीचे आकर मर गए। उन्होंने बताया कि आज पांच परिजन जो नौकरी पाने योग्य थे उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं। इनमें साहिल गिल, तुषार शर्मा, परमिंदर सिंह, भूपेंद्र सिंह और रेखा रानी शामिल हैं। हादसे के शिकार हुए अन्‍य चार लोगों के बच्चे अभी छोटे हैं और पढ़ रहे हैं। इनमें मनोहर लाल, विशाल कुमार , सुखदेव सिंह और मनप्रीत सिंह के बच्चे शामिल हैं।

निरंकारी भवन में मारे गए लोगों को मिलेगी जॉब

नवजोत  सिंह सिद्धू ने कहा कि अमृतसर के निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमले में मारे गए तीनों लोगों के परिजनों को भी नौकरी दी जाएगी।

लाशों पर राजनीति करते हैं सुखबीर बादल

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल द्वारा निरंकारी बम कांड पर दी गई प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए सिद्धू ने कहा कि सुखबीर बादल लाशों पर राजनीति करते हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। क्या वह अपनी सरकार के कार्यकाल में शिंगार सिनेमा बम धमाका, नामधारी समुदाय की माता चंद कौर  की हत्या, पठानकोट एयरबेस पर हमला, दीनानगर की हुई घटनाओं को वह भूल गए हैं।

एसआइटी द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब के मामले पर जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल पर सिद्धू ने कहा कि अकाली भाजपा सरकार ने भी इन घटनाओं की जांच के लिए जस्टिस ज़ोरा सिंह कमीशन का गठन किया था। क्या उसकी रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई की। अब कह रहे हैं कि मैं आउट ऑफ स्टेशन था। क्या वापिस आकर एक बार भी शहीदों के परिजनों के पास उनके घर गए? उन्‍होंने कहा कि सुखबीर बादल को ऐसे तमाम मुद्दों पर बहस की चुनौती देता हूं।