
कोरोना संक्रमण के बीच इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के लिए लोगों ने जो खानपान में बदलाव किया, उसका दुष्प्रभाव उनके शरीर पर अब देखने को मिल रहा है। शरीर में अधिक इम्युनिटी की वजह से ऑटोइम्यून का खतरा बढ़ गया है। ऐसे मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। जिला अस्पताल से लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में ऐसे मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि अगर ऑटोइम्यून बीमारी का खतरा बढ़ता है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। वरना यह बीमारी एक साथ शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।
जानकारी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में लोग इम्युनिटी पर ज्यादा ध्यान देने लगे। इसका असर यह हुआ कि लोग गलत खान-पान का शिकार हो गए। इसकी वजह से ऐसे लोगों को अब नई मुसीबत झेलनी पड़ रही है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि इस बीमारी में प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी के चलते ऑटो-एंटीबॉडी नाम की एक प्रोटीन बनने लगती है, जो स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला कर शरीर के कई अंगों पर असर डालती है। इसमें दो तरह प्रभाव देखने को मिलते हैं।