अंतिम दो चरणों के भाजपा प्रत्याशी पीएम मोदी और सीएम योगी के भरोसे,जानिए क्यों?

भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अधिक निर्भर नजर आ रहे हैं। प्रत्याशियों की चाहत हर हाल में इन दोनों का कार्यक्रम चुनाव क्षेत्र में पाने की है। पीएम व सीएम की मांग पहले के चरणों में भी अधिक रही लेकिन इन दोनों चरणों में इनका खास महत्व है। कारण छठवें चरण के सभी विधानसभा क्षेत्रों का गोरखपुर और सातवें चरण के सभी विधानसभा क्षेत्रों वाराणसी के इर्दगिर्द होना है। दोनों चरणों के विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से जुड़ाव महसूस करते हैं।

गोरखपुर वह केंद्र है जहां इन दोनों मंडलों के साथ ही बिहार और नेपाल के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। यही वजह है कि इस क्षेत्र के हर प्रत्याशी चाहता है कि पीएम का कार्यक्रम को मिले ही सीएम योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम भी उनके विधानसभा क्षेत्र में जरूर हो। मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा के लिहाज से भी इस चरण की अधिकांश सीटें भाजपा के खाते में आनी जरूरी हैं। 

 पीएम ने रविवार 27 फरवरी को वाराणसी में जिले की सभी आठ विधानसभाओं के बूथ पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होकर कर दी है। इन तमाम वजहों से सातवें चरण के सभी विधानसभा क्षेत्रों के भाजपा प्रत्याशी पीएम को अपने विधानसभा क्षेत्र में देखना चाहते हैं।

गौरतलब है कि पांचवें चरण के चुनाव प्रचार का शोर थमने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आदि छठवें और सातवें चरण की विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाएं करने में व्यस्त हैं। सीएम और पीएम एक-एक दिन में कई सभाएं करने लगे हैं।

छठवें चरण में शामिल जिले: सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, बलरामपुर और अंबेडकरनगर।

सातवें चरण में शामिल जिले: आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली तथा सोनभद्र।