
संभल में भारतीय किसान यूनियन असली की अगुवाई में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया। तय हुआ कि बाजरा और मक्का आदि फसलों की खरीद सरकारी रेट से कम होने पर किसान बगावत करेंगे। यूपी में किसानों के लिए टोल फ्री कराने और आलू का मूल्य लागत में डेढ़ गुना मुनाफा शामिल कर दिलाने तथा 20 अक्टूबर तक गन्ना मूल्य भुगतान नहीं देने वाली चीनी मिलों में तालाबंदी करने का फैसला लिया गया।
महापंचायत में बाजरा 2200 रुपये कुंतल से कम पर बिकने पर मंडियों में बाजरा भरने का भी ऐलान हुआ। संभल में बिजलीघर के सामने मैदान में भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह के बुलावे पर महापंचायत में हक के लिए किसानों का हुजूम उमड़ा। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के बलवीर सिंह राजेवाल, गुरुनाम सिंह चढ़ूनी, सतनाम सिंह, मनोज सहरावत, स्वामीनाथन आयोग के सदस्य अतुल कुमार अंजान समेत देश भर के कई किसान नेता जुटे। कहा गया कि पंजाब और हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश में भी किसानों को काले कृषि कानून वापसी और एमएसएपी पर खरीद गारंटी कानून के लिए आंदोलन तेज करना है। कहा गया कि नस्लें और फसलें बचाने के लिए आंदोलन जरूरी है। भारत बंद को सफल बनाने के लिए गांवों को शहरों से जोड़ने वाली सड़कों पर किसान धरना देंगे। किसान नेताओं ने मांग उठाई कि न्यूनतन समर्थन मूल्य से कम पर खरीद को अपराध माना जाए और ऐसा करने वाले दोषियों को जेल भेजा जाए।
महापंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को सबक सिखाने के लिए भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएं। किसानों को बगावत करनी होगी। प्रधानमंत्री की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। यह रास्ता बंद करना होगा। महापंचायत में सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क भी समर्थकों के साथ पहुंचे। हालांकि उन्हें मंच के बजाय खास मेहमान के तौर पर पंडाल में सबसे आगे बैठाया गया।