आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान रतन कुमार ठाकुर का गुरुवार को दिन में पत्नी के पास आया था कि श्रीनगर जा रहा हूं। वहां पहुंचकर शाम को फोन करूंगा। लेकिन उनका फोन नहीं आया। पत्नी ने फोन किया तो स्वीच ऑफ मिला। समाचार लिखे जाने तक पत्नी और माता-पिता रतन के फोन के इंतजार में हैं। वे अनहोनी की आशंका से डरे हुए हैं लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं है कि उनका पति या उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं रहा।
रतन का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाले हैं लेकिन अभी भागलपुर शहर के लोदीपुर मोहल्ले में किराए के मकान में रहता है। घर पर जवान की पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है। राजनंदिनी फिर मां बनने वाली है। पिता निरंजन कुमार ठाकुर ने बताया कि शाम को बेटे के फोन का इंतजार हो रहा था तबतक उधर से सात बजे शाम को कंपनी कमांडर का फोन आया। उन्होंने रतन का फोन नम्बर मांगा। पिता और पत्नी का नाम पूछा।
इधर से पूछा गया कि क्या बात है तो उन्होंने कहा कि कुछ पता लगाना है। इसके बाद पिता ने रतन के नम्बर पर फोन किया तो स्वीच ऑफ मिला। फिर उनलोगों ने टेलीविजन पर देखा कि आतंकवादी हमले में कई सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए हैं। उसके बाद वे लोग डर गए। उन्होंने सीआरपीएफ के कंपनी कमांडर से फोन पर बात की, लेकिन उहोंने कहा कि उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
पिता ने बताया कि तीन दिन पहले रतन महाराष्ट्र से ट्रेनिंग लेकर जम्मू लौटे थे। बुधवार को श्रीनगर जा रहे थे। यहां वे दो साल से तैनात थे। वर्ष 2011 में वे सीआरपीएफ में बहाल हुए थे। इसके पहले झारखंड के गढ़वा और छत्तीसगढ़ में रह चुके थे।
मार्च 2018 में भागलपुर शिफ्ट हुआ परिवार
पिता ने बताया कि वे लोग अपने गांव से बच्चों को पढ़ाने के लिए मार्च 2018 में भागलपुर शिफ्ट हुए थे। लालूचक भट्ठा में 12 नंबर गुमटी के पास गोपाल पासवान के मकान में किराये पर रहते हैं। पिता ने बताया कि रतन के अलावा एक और बेटा मिलन ठाकुर है जो बीए में पढ़ता। दो बेटियां हैं। रतन की पत्नी, बच्चे सबलोग एक साथ रहते हैं।
पुलवामा आमतंकी हमले में मसौढ़ी का जवान गायब
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में मसौढ़ी के तारेगना डीह गांव के रहने वाले जवान संजय कुमार सिन्हा गायब हैं। उनका कोई-अता पता नहीं चल रहा। महेंद्र प्रसाद के बेटे संजय के परिवार में पत्नी बबीता देवी, उनकी दो बेटियां रूबी कुमारी और टुन्नी कुमारी के अलावा बेटा सोनू कुमार हैं। परिवारवालों को फिलहाल अधिकारिक तौर पर खबर नहीं मिली है। इस घटना के बाद संजय के गांव वालों की भीड़ उनके घर पर जमा हो गयी। बीते आठ फरवरी को ही जवान संजय छुट्टी बिताकर ड्यूटी के लिये वापस लौटे थे। परिजनों के मुताबिक गुरुवार की शाम चार बजे संजय के बहनोई और नालंदा जिले के परवलपुर के रहने वाले जितेंद्र के मोबाइल पर सीआरपीएफ के अफसरों ने फोन कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजनों को जानकारी मिली। संजय सीआरपीएफ के 176 बटालियन में हवलदार थे।