
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट की एक टनल में फंसे आठ लोगों के बचने की संभावना बेहद कम है, राज्य के मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने कहा।
शनिवार (17 फरवरी 2024) को टनल का एक हिस्सा गिरने से ये लोग अंदर फंस गए थे, और अब तक 48 घंटे से अधिक समय बीत चुका है।
बचाव अभियान जारी, लेकिन उम्मीदें धुंधली
भारतीय सेना, NDRF और अन्य बचाव दल पूरी कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन अब तक कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिली है। कृष्णा राव के अनुसार, टनल के अंदर की स्थिति बेहद खतरनाक है:
- टनल का 9 मीटर (30 फीट) चौड़ा रास्ता लगभग 25 फीट तक मलबे से भर चुका है।
- जब बचाव दल ने अंदर से आवाज लगाई, तो कोई जवाब नहीं मिला।
- अंदर फंसे लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन टनल के हालात को देखते हुए संभावना बेहद कम है।
‘बहुत ही कम उम्मीद’ – मंत्री का बयान
मंत्री ने कहा, “सच कहूं तो उनके बचने की संभावना बहुत, बहुत, बहुत ही कम है। मैं खुद मौके पर गया था और टनल के अंत तक पहुंचा था। जब हमने अंदर झांककर देखा, तो कुछ नजर नहीं आया।”
“टनल बोरिंग मशीन (TBM), जिसका वजन सैकड़ों टन है, मलबे के साथ लगभग 200 मीटर दूर चली गई। अगर कोई व्यक्ति नीचे फंसा भी हो, तो वहां ऑक्सीजन कैसे पहुंचेगी?”
टनल में फंसे लोगों की पहचान
- मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश)
- श्री निवास (उत्तर प्रदेश)
- सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर)
- गुरप्रीत सिंह (पंजाब)
- संदीप साहू (झारखंड)
- जगता एक्सेस (झारखंड)
- संतोष साहू (झारखंड)
- अनुज साहू (झारखंड)
इनमें से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मज़दूर हैं।
बचाव कार्य में ‘रत होल माइनर्स’ की मदद ली जा रही
बचाव अभियान में उत्तराखंड के सिल्क्यारा बेंड-बर्कोट टनल हादसे में फंसे लोगों को बचाने वाली ‘रत होल माइनिंग’ टीम को भी शामिल किया गया है।
अगले 3-4 दिन तक जारी रहेगा बचाव कार्य
राव ने कहा कि मलबा हटाने के लिए कई तरह की मशीनें तैनात हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में कम से कम 3-4 दिन और लग सकते हैं।
“हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंदर के हालात बेहद खराब हैं। हम प्रार्थना कर सकते हैं कि कोई चमत्कार हो।”
टनल हादसे का कारण और आगे की चुनौती
- टनल के अंदर अचानक पानी भर जाने और मलबा गिरने से यह हादसा हुआ।
- बचाव कार्य के दौरान टनल से पानी बाहर निकालने की प्रक्रिया लगातार जारी है।
- ऑक्सीजन पंपिंग भी हो रही है, लेकिन मलबे के नीचे किसी के जिंदा होने की उम्मीद कम हो रही है।
निष्कर्ष: उम्मीदें कमजोर, लेकिन बचाव कार्य जारी
✅ भारतीय सेना, NDRF, और रत होल माइनर्स बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
✅ टनल के अंदर मलबा और पानी भरा हुआ है, जिससे स्थिति बेहद गंभीर हो गई है।
✅ फंसे हुए लोगों के बचने की संभावना ‘बहुत ही कम’ बताई जा रही है।
✅ अगले 3-4 दिनों तक बचाव कार्य जारी रहेगा।
अब पूरे देश की नजरें इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हैं, और सभी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं।