जिस लड़के का कर दिया गया था अंतिम संस्कार, वह 16 महीने बाद लौटा वापस

बात सोलह महीने पहले की है, जब परिजनों ने सर्पदंश से मरे युवक को उसकी मौत के बाद परिजनों ने अपने हाथों से नरौरा गंगा घाट पर जल में प्रवाहित कर अंतिम संस्कार कर दिया था। सभी क्रियाकर्म विधिवत रूप से संपन्न किए लेकिन मंगलवार को उस समय आश्चर्य चकित रह गए जब वह जीवित घर लौट आया। उसे देखने वालों का तांता लग गया।

गुन्नौर क्षेत्र के सैमुला गुन्नौर गांव निवासी राम निवास का अट्ठारह साल का बेटा योगेश कुमार हरियाणा के रोहतक में काम करता था, रोहतक में सोते समय 23 अगस्त-2017 को उसे सांप ने डस लिया था। बताते हैं कि योगेश ने खुद ही अपने पास सांप देखा था। आसपास के लोगों को बताया तो परिजनों को जानकारी दी। साथ ही योगेश के साथी उसे गाड़ी में बैठाकर उसके गांव के लिए चल दिए, इधर रास्ते में परिजन भी पहुंच गए।

इलाज के लिए उसे परिजन स्थानीय सपेरों के पास लेकर गए। लेकिन सपेरों ने उसे देखते ही उपचार की स्थिति से मना कर दिया। परिजन उसे कछला गंगा घाट ले गए थे, कछला पहुंचने के बाद कुछ सपेरों ने योगेश को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने नरौरा गंगा घाट पर ही शव को गंगा में प्रवाहित कर दिया। घर आकर अंतिम क्रिया के सभी परंपराएं निभाई।

काफी दिन गम का माहौल रहा। इसके बाद जिंदगी एक बार फिर पटरी पर आ गई। मंगलवार को सोलह महीने बाद योगेश कुमार कुछ सपेरों के साथ अपने घर पहुंच गया तो पहले तो परिजनों को भी विश्वास नहीं हुआ। लेकिन उसके बाद परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई।

गांव व आसपास गांवों के लोग भी उसे देखने के लिए दौड़ पड़े। मां बेगवती देवी के खुशी के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। बहन गुड्डो एवं मनोश्री को अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था। उसे पिता भी इसे भगवान का करिश्मा मान रहे थे। साथ आए सपेरों ने बताया कि उसके शव को गंगा से उन्होंने निकाल लिया था और फिर अपनी विद्या से उसका जहर निकालकर उसे जीवित कर लिया।