
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से आने वाले कुछ श्रम-गहन निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है, जो 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। गृह सुरक्षा विभाग (Department of Homeland Security) ने पुष्टि की कि अमेरिकी समयानुसार रात 12:01 बजे से यह नए टैरिफ लागू होंगे।
सरकारी अनुमान के मुताबिक, भारत के लगभग $48.2 बिलियन मूल्य के निर्यात इस उच्च टैरिफ के दायरे में आएंगे। FY25 में भारत का अमेरिका निर्यात कुल $86.51 बिलियन का था, जिसमें शीर्ष पांच वस्तुएँ लगभग $60 बिलियन का योगदान देती हैं।
मुख्य प्रभावित क्षेत्र और दरें इस प्रकार हैं:
- इंजीनियरिंग वस्तुएँ ($19.16 बिलियन) – 50% टैरिफ।
- जेम्स और ज्वैलरी ($9.94 बिलियन) – 52.1% टैरिफ।
- रेडीमेड गारमेंट्स ($5.33 बिलियन) – 63.9% टैरिफ।
- टेक्सटाइल और कपड़ा ($10.8 बिलियन) – प्रमुख रूप से उच्च दरें।
- झींगा (Shrimps) ($2.4 बिलियन) – 60% टैरिफ।
- कार्पेट्स ($1.2 बिलियन) – 52.9% टैरिफ।
- लेदर और फुटवियर, कृषि और प्रोसेस्ड फूड – 50% टैरिफ।
- ऑर्गेनिक केमिकल्स – 54% टैरिफ।
- मशीनरी और यांत्रिक उपकरण – 51.3% टैरिफ।
- ऑटो पार्ट्स ($6.6 बिलियन) – $3.4 बिलियन पर 25%, बाकी पर 50%।
वहीं, विद्युत उपकरण ($14.64 बिलियन) और दवाइयाँ/फार्मा ($10.52 बिलियन) अभी टैरिफ से मुक्त हैं। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पाद, पुस्तकें, प्लास्टिक, कंप्यूटिंग हार्डवेयर जैसी वस्तुएँ भी वर्तमान में छूट में हैं।
Global Trade Research Initiative (GTR) के अनुसार, लगभग $27.6 बिलियन निर्यात अभी उच्च टैरिफ से बचेंगे, जबकि $60.2 बिलियन मूल्य के निर्यात 50% ट्रम्प टैरिफ के तहत आएंगे।
यह कदम श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए सबसे कठिन साबित होने की संभावना है, जबकि फार्मा, टेक्नोलॉजी और पेट्रोलियम उत्पाद जैसी श्रेणियाँ सुरक्षित हैं।