
वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस का कल, सोमवार को ईस्टर के पावन अवसर पर 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वेटिकन स्थित उनके निवास ‘कासा सांता मार्ता’ में उन्होंने अंतिम सांस ली।
सुबह 9:45 बजे, होली रोमन चर्च के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल ने उनकी मृत्यु की घोषणा इन शब्दों में की:
“प्रिय भाइयों और बहनों, गहरे दुःख के साथ मुझे हमारे पवित्र पिता फ्रांसिस के निधन की घोषणा करनी पड़ रही है। आज सुबह 7:35 बजे रोम के धर्माध्यक्ष फ्रांसिस परमपिता के पास लौट गए। उनका सम्पूर्ण जीवन प्रभु और उनकी कलीसिया की सेवा को समर्पित रहा। उन्होंने हमें सुसमाचार के मूल्यों को निष्ठा, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ जीना सिखाया, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर रहने वालों के पक्ष में। उनके जीवन के उदाहरण के लिए हम असीम कृतज्ञता के साथ उनकी आत्मा को त्रैकी और दयामय ईश्वर को सौंपते हैं।”
वेटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक, मत्तेओ ब्रूनी ने बताया कि पोप के पार्थिव शरीर को बुधवार, 23 अप्रैल की सुबह सेंट पीटर्स बेसिलिका ले जाया जाएगा, ताकि श्रद्धालु अंतिम दर्शन कर सकें।
“पवित्र पिता के पार्थिव शरीर को श्रद्धालुओं की वंदना हेतु बुधवार सुबह सेंट पीटर्स बेसिलिका में स्थानांतरित किया जाएगा,” उन्होंने बताया। अंतिम कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी आज मंगलवार को कार्डिनलों की पहली सभा के बाद साझा की जाएगी।
सोमवार शाम 8 बजे पोप के निवास की चैपल में उनके निधन की पुष्टि और ताबूत में रखे जाने की धार्मिक प्रक्रिया संपन्न हुई। कार्डिनल फैरेल द्वारा मृत्यु की औपचारिक घोषणा की गई और पूरी प्रक्रिया लगभग एक घंटे चली। इसके साथ ही, उनके अपार्टमेंट्स को आधिकारिक रूप से सील कर दिया गया।
ब्रूनी ने यह भी बताया कि सोमवार शाम से ही पोप के निकट सहयोगियों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य संबंधी पृष्ठभूमि:
पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी 2025 को ब्रोंकाइटिस की शिकायत के बाद अगोस्तिनो जेमेली अस्पताल में भर्ती किया गया था। 18 फरवरी को उन्हें द्विपक्षीय निमोनिया की पुष्टि हुई। 38 दिनों तक इलाज के बाद वे कासा सांता मार्ता लौटे, लेकिन उनकी स्थिति में धीरे-धीरे गिरावट आई।
पोप के जीवन में श्वसन संबंधी समस्याएं पहले भी रही थीं। 1957 में अर्जेंटीना में एक फेफड़े का हिस्सा निकालना पड़ा था, और हाल के वर्षों में भी उन्हें कई बार इसी कारण यात्राएं रद्द करनी पड़ीं।
अंतिम संस्कार की तैयारियां:
अप्रैल 2024 में, उन्होंने खुद ही पोप के अंतिम संस्कार से जुड़ी प्रार्थना पुस्तिका (Ordo Exsequiarum Romani Pontificis) के नए संस्करण को स्वीकृति दी थी। इसमें अंतिम क्रियाओं को और अधिक सरल और आत्मिक बनाया गया है।
अपोस्टोलिक सेरेमनीज़ के मास्टर, आर्चबिशप डिएगो रावेली ने कहा:
“पोप फ्रांसिस चाहते थे कि उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया साधारण हो और पूरी तरह मसीह में विश्वास को प्रकट करे। यह अंतिम संस्कार किसी शासक का नहीं, बल्कि एक सेवक और शिष्य का होना चाहिए।”
विश्वभर से श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी है, और करोड़ों लोग उनके जीवन और शिक्षाओं को याद कर रहे हैं।