
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल के बीच केंद्र सरकार ने देश के 244 चिन्हित सिविल डिफेंस ज़िलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) कराने का फैसला लिया है। यह अभ्यास एयर रेड सायरन, ब्लैकआउट, लोगों की निकासी, और आपातकालीन संचार व्यवस्था जैसे उपायों की तैयारियों की जांच करेगा। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वे सिविल डिफेंस की तैयारियों को मजबूत करने के लिए इस अभ्यास को जिला और गाँव स्तर तक ले जाएँ। गृह मंत्री ने कहा, “वर्तमान भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए सिविल डिफेंस की सर्वोत्तम तैयारी जरूरी है।”
किन चीजों का होगा अभ्यास?
- हवाई हमले के सायरनों की जांच और सक्रियता
- भारतीय वायुसेना से जुड़ाव हेतु हॉटलाइन और रेडियो संचार की जांच
- नागरिकों, छात्रों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग
- ब्लैकआउट की तैयारी और अभ्यास
- रणनीतिक ठिकानों जैसे कि एयरबेस, तेल रिफाइनरी, आदि की छिपाव व्यवस्था (कैमोफ्लाजिंग)
- बचाव और निकासी की योजनाओं को अपडेट करना और उनका अभ्यास
- सिविल डिफेंस सेवाओं जैसे वार्डन, अग्निशमन, बचाव कार्य, और संसाधन प्रबंधन की प्रतिक्रिया की जाँच
कौन होंगे शामिल?
यह अभ्यास जिला कलेक्टर, सिविल डिफेंस वार्डन, होमगार्ड (सक्रिय और रिजर्व), एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, स्कूल-कॉलेज के छात्र, और स्वयंसेवकों की भागीदारी से होगा।
क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल?
हालाँकि सरकार ने इस ड्रिल को आधिकारिक रूप से पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव से नहीं जोड़ा है, लेकिन इसका समय और संदर्भ स्पष्ट रूप से संदेश देता है। आखिरी बार ऐसा राष्ट्रीय स्तर का सिविल डिफेंस ड्रिल 1971 भारत-पाक युद्ध से पहले हुआ था।
पहलगाम हमले पर भारत की प्रतिक्रिया
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। भारत सरकार ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमले के साजिशकर्ताओं को ऐसी सज़ा दी जाएगी जो वे कल्पना भी नहीं कर सकते।
पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री ने रक्षा सचिव, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और गृह मंत्री के साथ लगातार उच्चस्तरीय बैठकें की हैं। यह मॉक ड्रिल देश की सिविल डिफेंस तैयारियों का हिस्सा है, जो संभावित जवाबी कार्रवाई से पहले की तैयारी मानी जा रही है।