कोलकाता लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप, पूर्व छात्र व दो वरिष्ठ छात्र गिरफ्तार, कॉलेज परिसर में हुई घटना

कोलकाता: दक्षिण कोलकाता स्थित एक लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पुलिस के अनुसार, यह अपराध कॉलेज परिसर में एक पूर्व छात्र और दो वरिष्ठ छात्रों द्वारा अंजाम दिया गया। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना 25 जून की शाम को हुई, जब वह कॉलेज में परीक्षा फॉर्म भरने गई थी। आरोप है कि मुख्य आरोपी, जो अब एक वकील है और कॉलेज का पूर्व छात्र भी रहा है, ने उससे शादी का प्रस्ताव दिया था जिसे अस्वीकार करने पर उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने छात्रा को कॉलेज के गार्ड रूम में तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान वीडियो भी बनाया। उन्होंने वीडियो को इंटरनेट पर लीक करने की धमकी दी और पीड़िता के बॉयफ्रेंड व उसके परिवार को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी। फॉरेंसिक जांच के लिए आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।

पीड़िता की चिकित्सकीय जांच में गैंगरेप की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों ने शरीर पर चोट, दांत और नाखून के निशान पाए हैं। पीड़िता ने बयान में कहा, “मैंने रोते हुए उसे रोका, उसके पैर भी छुए, लेकिन वह नहीं रुका।” उसने यह भी बताया कि आरोपी ने हॉकी स्टिक से पीटा और मुख्य द्वार बंद कर दिया गया ताकि कोई अंदर न आ सके।

मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा को कॉलेज में अस्थायी तौर पर गैर-शिक्षकीय स्टाफ के रूप में भी नियुक्त किया गया था। सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीरों और प्रोफाइल्स के अनुसार, वह सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़ा रहा है। हालांकि, पार्टी ने फिलहाल किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

घटना के विरोध में लेफ्ट, बीजेपी, कांग्रेस और छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कासबा थाने के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए और कई को हिरासत में लिया गया।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस से तीन दिन में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार ने पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। मंत्री शशि पांजा ने कहा, “पीड़िता की पीड़ा को राजनीति का मैदान नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उसे सम्मान और न्याय मिलना चाहिए।”

यह घटना एक बार फिर राज्य में महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है और आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले वर्ष हुई इंटर्न की बलात्कार-हत्या की भयावह यादें ताजा कर दी हैं।