केदारनाथ के पास हेलिकॉप्टर हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत, 6 हफ्तों में पांचवीं दुर्घटना

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड – केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी लौट रहा एक हेलिकॉप्टर रविवार सुबह भीषण दुर्घटना का शिकार हो गया, जिसमें पायलट समेत सभी सात लोगों की मौत हो गई। यह हादसा गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच घने जंगलों में सुबह 5:20 बजे हुआ। यह इस तीर्थ क्षेत्र में बीते छह हफ्तों में हुई पांचवीं हेलिकॉप्टर दुर्घटना है।

हादसे का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था। उड़ान के दौरान मौसम बिगड़ने से पायलट ने हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन चॉपर क्रैश होकर आग की चपेट में आ गया। सभी यात्रियों के शव बुरी तरह जल गए हैं।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) के अनुसार, मृतकों में छह श्रद्धालु (पांच वयस्क और एक 23 माह की बच्ची) तथा एक पायलट शामिल हैं।

मृतकों की पहचान

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे के अनुसार, मृतकों में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) का कर्मचारी विक्रम रावत (उखीमठ, उत्तराखंड) शामिल है। इसके अलावा महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से जाइसवाल परिवार के तीन सदस्य – राजकुमार सुरेश जाइसवाल, उनकी पत्नी श्रद्धा जाइसवाल और 23 माह की बेटी काशी राजकुमार जाइसवाल की भी मौत हो गई। उनका बेटा विवान अपने दादा के साथ रुक गया था, जिससे वह हादसे में बच गया।

उत्तर प्रदेश से दो श्रद्धालु – 66 वर्षीय विनोद देवी और 19 वर्षीय तृष्टी सिंह – भी हादसे का शिकार हुए। जयपुर निवासी और 39 वर्षीय पायलट कैप्टन राजबीर सिंह चौहान भी इस दुर्घटना में मारे गए।

राहत और बचाव कार्य

स्थानीय ग्रामीणों ने हादसे की सूचना प्रशासन को दी। सुबह 7 बजे NDRF और SDRF की टीमें गौरीकुंड पहुंचीं और वहां से पैदल ट्रेक कर 8:55 बजे घटनास्थल पर पहुंचीं। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। शवों की पहचान कठिन होने के कारण DNA टेस्ट कराए जाएंगे।

हेलिकॉप्टर सेवाएं अस्थायी रूप से बंद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो दिन तक हेलिकॉप्टर सेवाएं बंद करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। सभी सेवाएं तब तक बंद रहेंगी जब तक सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित नहीं किया जाता।” उन्होंने हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

वहीं, DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने चारधाम के लिए हेलिकॉप्टर उड़ानों की संख्या में पहले ही कटौती कर दी है और अतिरिक्त निगरानी भी की जा रही है।

लगातार बढ़ रही दुर्घटनाएं

केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को खुलने के बाद से अब तक हेलिकॉप्टर से जुड़ी पांच घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 7 जून को एक हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण हाईवे पर आपात लैंडिंग करने को मजबूर हुआ था।

शोक संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे को “बेहद दुखद” बताया और सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जाइसवाल परिवार के प्रति संवेदना जताई और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पायलट राजबीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया और यात्रियों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की।

जांच के आदेश

इस भीषण हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) करेगा। मुख्यमंत्री धामी ने तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर सख्त SOP तैयार करने और हेलिकॉप्टर सेवाओं की तकनीकी जांच को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं।


यह हादसा न केवल तीर्थ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, बल्कि बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं की विस्तृत जांच और सुधार की मांग करता है।