
उत्तरी इथियोपिया के लंबे समय से निष्क्रिय हेली गुबी ज्वालामुखी में सप्ताहांत के दौरान हुए विस्फोट के बाद अब गतिविधि कम हो गई है। इस विस्फोट ने अफार क्षेत्र के अफदेरा जिले के कई गांवों में विनाश की स्थिति पैदा कर दी और राख के बादल के चलते कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, गांवों पर राख की मोटी परत जम गई, जिससे लोग लगातार खांसी की शिकायत कर रहे हैं और पशुओं के लिए साफ पानी व घास मिलना मुश्किल हो गया है। स्वास्थ्य अधिकारी अबेदेला मुस्सा ने बताया कि दूरदराज के इलाकों में मोबाइल चिकित्सा सेवाएं भेजी गई हैं। “फिया और नेम्मा-गुबी जैसे प्रभावित इलाकों में दो मेडिकल टीमें भेजी गई हैं,” उन्होंने कहा।
पशुपालन अधिकारी नूर मुस्सा ने बताया कि “राख की वजह से पशुओं का पानी और चारा पूरी तरह दूषित हो गया है।”
इस विस्फोट के कारण भारत समेत कई देशों की उड़ानों पर असर पड़ा।
एयर इंडिया ने सोमवार और मंगलवार को 11 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दीं, जबकि अकासा एयर ने जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी जाने वाली उड़ानें रद्द कीं। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कम से कम 7 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द और 12 से अधिक देर से रवाना हुईं।
अदीस अबाबा विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक अतालाय अयेले के अनुसार, इथियोपिया सक्रिय रिफ्ट प्रणाली पर स्थित है, जहां ज्वालामुखीय विस्फोट और भूकंप सामान्य हैं। उन्होंने कहा, “हेली गुबी में 10,000 साल बाद यह पहला दर्ज विस्फोट है।”
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि हवा की ऊपरी परत में बहने वाले तेज़ हवाओं ने राख को इथियोपिया से लाल सागर, यमन, ओमान और अरब सागर होते हुए भारत के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों तक पहुंचा दिया।