दिल्ली-एनसीआर में तेज आंधी-बारिश से कहर: 4 की मौत, 120 से अधिक उड़ानें प्रभावित

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में देर रात तेज आंधी और धूल भरी आंधी के बाद हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इस मौसम के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई और कई स्थानों पर पेड़ गिरने तथा जलभराव जैसी घटनाएं सामने आईं।

बारिश से जुड़ी एक दुखद घटना में, दिल्ली के द्वारका इलाके में एक कमरे पर पेड़ गिरने से एक महिला और उसके तीन बच्चों की मौत हो गई। वहीं, मौसम की मार के चलते इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर करीब 120 उड़ानें प्रभावित हुईं। इनमें से तीन उड़ानों को अहमदाबाद और जयपुर की ओर मोड़ना पड़ा, जिनमें बेंगलुरु-दिल्ली और पुणे-दिल्ली की उड़ानें शामिल थीं। फ्लाइटरडार के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट पर आगमन में औसतन 21 मिनट और प्रस्थान में 61 मिनट की देरी दर्ज की गई।

एयर इंडिया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “दिल्ली से आने-जाने वाली हमारी कुछ उड़ानें देर से चल रही हैं या डायवर्ट की जा रही हैं, जिससे हमारे पूरे शेड्यूल पर असर पड़ सकता है। हम बाधाओं को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।” हवाई अड्डा प्रशासन ने यात्रियों को ताजा उड़ान स्थिति जांचने की सलाह दी है।

वहीं, रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुईं। तेज हवाओं के कारण पेड़ ओवरहेड तारों पर गिर गए, जिससे दिल्ली मंडल में 15 से 20 ट्रेनें देर से चलीं।

राजधानी के कई इलाकों — जैसे द्वारका, खानपुर, साउथ एक्सटेंशन रिंग रोड, मिंटो रोड, लाजपत नगर और मोती बाग — में जलभराव की तस्वीरें सामने आईं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों में दिल्ली में 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। फिलहाल राजधानी का तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

बीते तीन घंटों में सफदरजंग वेधशाला में 77 मिमी बारिश हुई, जबकि लोधी रोड पर 78 मिमी, पालम में 30 मिमी, नजफगढ़ में 19.5 मिमी और पीतमपुरा में 32 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

आईएमडी ने शनिवार तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश, तूफान और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। बुधवार शाम को आसमान में बादल छा गए थे और दिन का अधिकतम तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.9 डिग्री कम है।

मौसम विभाग के मुताबिक, मई में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी रहने की संभावना है, लेकिन समय-समय पर आने वाले तूफान राहत पहुंचा सकते हैं। उत्तर भारत में औसत से अधिक वर्षा की संभावना है — यह लंबे समय के औसत 64.1 मिमी से 109 प्रतिशत तक अधिक हो सकती है।