भारत के अंतरिक्ष सफर में नया इतिहास: शुभांशु शुक्ला आज जाएंगे अंतरिक्ष, Axiom-4 मिशन के तहत ISS की उड़ान

भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज दोपहर 12:01 बजे (IST) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। यह उड़ान SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट के माध्यम से Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत की जा रही है। इस मिशन में चार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्षयात्री हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें भारत के लिए यह एक गौरवशाली क्षण है।

ऐतिहासिक साझेदारी: NASA और ISRO का संयुक्त प्रयास

Ax-4 मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। यह मिशन NASA और ISRO के बीच हुई एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता को पूरा करता है, जिसके तहत एक भारतीय को ISS पर भेजा जाना था। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में ISRO का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वे इस ऐतिहासिक यात्रा में पायलट की भूमिका निभाएंगे।

मिशन क्रू:

  • पेगी व्हिटसन (कमांडर): NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री, अब Axiom Space के साथ
  • शुभांशु शुक्ला (पायलट): ISRO प्रतिनिधि
  • स्लावोश उजनांस्की-विस्निवस्की: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (पोलैंड)
  • तिबोर कपु: HUNOR कार्यक्रम (हंगरी)

मौसम अनुकूल, लॉन्च की पूरी तैयारी

स्पेसएक्स ने जानकारी दी है कि मौसम की स्थिति लॉन्च के लिए 90% अनुकूल है। प्रक्षेपण फ्लोरिडा स्थित NASA के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से होगा। मिशन में एक नई SpaceX Dragon अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाएगा, जिसे फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

NASA के अनुसार, ड्रैगन यान की ISS से डॉकिंग गुरुवार, 26 जून को शाम 4:30 बजे (IST) तय की गई है।

चुनौतियाँ और समाधान

इस मिशन को पहले कुछ तकनीकी समस्याओं और मौसम के कारण टाल दिया गया था। फाल्कन-9 रॉकेट में लीक और ISS के रूसी मॉड्यूल ‘ज्वेज़्दा’ में एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण देरी हुई थी। NASA और रूस की स्पेस एजेंसी Roscosmos के बीच समन्वय से इन समस्याओं का समाधान निकाला गया।

मिशन उद्देश्य: विज्ञान, शिक्षा और सहयोग

Ax-4 मिशन केवल एक उड़ान नहीं, बल्कि विज्ञान, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है। चालक दल ISS पर दो सप्ताह बिताएगा, जहां वे वैज्ञानिक शोध, शैक्षणिक गतिविधियाँ और व्यावसायिक परियोजनाओं में हिस्सा लेंगे।

मिशन के दौरान 5 संयुक्त NASA-ISRO वैज्ञानिक प्रयोग और 2 STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) डेमो भी किए जाएंगे।

NASA की कार्यकारी प्रशासक जेनेट पेट्रो ने कहा:

“NASA और ISRO के बीच तकनीकी साझेदारी ने हमें एक साझा समाधान तक पहुंचने में मदद की है। Axiom Mission 4 अब लॉन्च के लिए तैयार है।”

भारत के लिए क्या मायने रखता है यह मिशन?

Axiom-4 मिशन भारत के लिए न केवल वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक महत्वपूर्ण भागीदारी का संकेत है, बल्कि यह ISRO की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है।

यह मिशन निजी और सरकारी क्षेत्र के सहयोग से भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं की नई राह खोलता है।