ईरान-इज़राइल संघर्ष: भारत ने तेहरान से अपने नागरिकों को तत्काल बाहर निकलने की सलाह दी, अमेरिका ने दी गंभीर चेतावनी

ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने वैश्विक चिंता को गहरा कर दिया है। दोनों देशों के बीच मंगलवार को लगातार पाँचवें दिन हमले जारी रहे। इस बीच भारत सरकार ने तेहरान में रह रहे अपने नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने की सलाह दी है। पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से अर्मेनिया भेजा गया, जहां से वे बुधवार को दिल्ली पहुंचेंगे।

इस घातक संघर्ष की शुरुआत शुक्रवार को इज़राइल की ओर से ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों पर किए गए अचानक हमलों से हुई। इसके जवाब में ईरान ने 370 से अधिक मिसाइलों और सैकड़ों ड्रोन के ज़रिए इज़राइल पर जवाबी हमला किया, जिससे अब तक 24 इज़राइली नागरिकों की मौत हो चुकी है और 500 से अधिक घायल हुए हैं।

इज़राइल ने सोमवार को ईरान के सरकारी टेलीविज़न चैनल पर सीधा हमला किया, जिससे लाइव प्रसारण के दौरान एक धमाका हुआ और रिपोर्टर को कैमरे से भागना पड़ा। वहीं, तेहरान और नतान्ज़ में भीषण विस्फोटों और वायु रक्षा प्रणाली के सक्रिय होने की पुष्टि ईरानी मीडिया ने की है।

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके देश की कार्रवाई से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को “बहुत, बहुत लंबे समय के लिए” पीछे धकेल दिया गया है। उन्होंने कहा, “अगर क़यादत बदले तो हमें आश्चर्य नहीं होगा।”

नेतन्याहू ने यह भी संकेत दिया कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की हत्या होती है, तो यह संघर्ष खत्म हो सकता है।

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G7 शिखर सम्मेलन के बीच से ही कनाडा से समय से पहले रवाना होकर एक स्पष्ट चेतावनी दी: “IRAN CAN NOT HAVE A NUCLEAR WEAPON” (ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता)। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हर किसी को तुरंत तेहरान से निकल जाना चाहिए!”

ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने उनके बताए अनुसार परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए होते, तो यह ‘निरर्थक मानव हानि’ नहीं होती। उन्होंने यह भी बताया कि ओमान में 15 जून को होने वाली ईरान-अमेरिका वार्ता को ईरान ने रद्द कर दिया है क्योंकि वह हमलों के दौरान बातचीत के लिए तैयार नहीं है।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने बयान में कहा कि अगर ट्रंप वास्तव में युद्ध रोकना चाहते हैं तो इज़राइल को हमले रोकने होंगे। “अगर हमला जारी रहा, तो हमारी जवाबी कार्रवाई भी जारी रहेगी।”

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी IAEA के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने बताया कि नतान्ज़ परमाणु संयंत्र को गंभीर क्षति पहुंची है और 15,000 से अधिक सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो चुके हैं।

इस बीच, चीन ने भी अपने नागरिकों को इज़राइल छोड़ने की सलाह दी है, क्योंकि युद्ध के कारण हवाई मार्ग बंद हैं।

तेल की कीमतों में 2% की तेजी देखी गई है क्योंकि मध्य-पूर्व में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।

अब तक की जानकारी के अनुसार:

  • ईरान में 224 लोगों की मौत, जिनमें बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हैं
  • इज़राइल में 24 लोगों की मौत, 500 से अधिक घायल
  • अमेरिका का G7 सम्मेलन से जल्द बाहर निकलना
  • भारत ने अपने नागरिकों को तेहरान से निकाला
  • ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता रद्द
  • इज़राइल का दावा: ईरानी वायु क्षेत्र पर नियंत्रण

इस संघर्ष ने न सिर्फ पश्चिम एशिया को बल्कि वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर संकट की ओर धकेल दिया है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि क्या कोई कूटनीतिक समाधान निकलता है या यह युद्ध और व्यापक रूप ले लेता है।