भारत के 5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट को मिली अहम मंजूरी, DRDO के नेतृत्व में चलेगा AMCA प्रोजेक्ट

नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ‘एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (AMCA) प्रोग्राम के कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी दे दी है।

यह मंजूरी भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है, जिससे देश अब उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल होने की ओर बढ़ रहा है जो अपने दम पर अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का डिजाइन और उत्पादन करते हैं।

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस परियोजना का नेतृत्व डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) करेगी।

मंत्रालय ने कहा, “स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने और घरेलू एयरोस्पेस उद्योग के विकास की दिशा में यह एक बड़ा प्रयास है। ADA इस परियोजना को उद्योग भागीदारी के साथ आगे बढ़ाएगी।”

ADA, जो कि DRDO की एक विशिष्ट एजेंसी है, पहले से ही भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) प्रोजेक्ट का सफल संचालन कर चुकी है। अब यह एजेंसी निजी औद्योगिक साझेदारों के साथ मिलकर AMCA प्रोजेक्ट को आगे ले जाएगी।

जल्द ही AMCA के विकास चरण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस परियोजना में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अकेले या संयुक्त उद्यम अथवा कंसोर्टियम के रूप में भाग ले सकेंगी। शर्त यह होगी कि बोली लगाने वाली संस्था एक भारतीय कंपनी हो और देश के कानूनी प्रावधानों का पालन करती हो।

AMCA को भारत की पांचवीं पीढ़ी की एयर पावर के रूप में देखा जा रहा है, जो आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाई देगा। यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्टेल्थ मल्टीरोल फाइटर होगा, जो हर मौसम में ऑपरेशन के लिए सक्षम होगा।

इस विमान को कम रडार क्रॉस सेक्शन और सुपरक्रूज़ क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इसे भारतीय वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई Su-30MKI का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, AMCA का बड़े पैमाने पर उत्पादन वर्ष 2035 तक शुरू हो सकता है।