
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई व्यापारिक टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की संपत्ति में भारी नुकसान हुआ। S&P 500 इंडेक्स में शामिल कंपनियों की बाजार पूंजी में $2.4 ट्रिलियन की भारी गिरावट दर्ज की गई।
इतिहास की सबसे बड़ी गिरावटों में एक
नैस्डैक कंपोज़िट इंडेक्स में मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट देखी गई, जबकि S&P 500 और डाव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में जून 2020 के बाद की सबसे बड़ी प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई।
- डाव जोंस: 1,679.39 अंक या 3.98% गिरकर 40,545.93 पर बंद हुआ
- S&P 500: 274.45 अंक या 4.84% गिरकर 5,396.52 पर
- नैस्डैक कंपोज़िट: 1,050.44 अंक या 5.97% की गिरावट के साथ 16,550.61 पर बंद
वैश्विक असर: MSCI इंडेक्स में भी गिरावट
अमेरिका की इस गिरावट का असर वैश्विक स्तर पर भी देखने को मिला। MSCI के ग्लोबल स्टॉक्स इंडेक्स में 28.47 अंक यानी 3.41% की गिरावट दर्ज की गई, जो जून 2022 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
टैरिफ युद्ध की आशंका से घबराए निवेशक
ट्रंप द्वारा लगभग सभी अमेरिकी आयातों पर 10% का टैरिफ लगाने और दर्जनों देशों पर ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ बढ़ाने की घोषणा ने निवेशकों में घबराहट पैदा कर दी है। इससे संभावित वैश्विक मंदी और महंगाई के बढ़ने की आशंका भी गहराई है।
बड़ी कंपनियों के शेयर धराशायी
टैरिफ के असर से दिग्गज टेक कंपनियों के शेयर भी नहीं बच सके:
- Apple: 9.2% की गिरावट – पांच वर्षों में सबसे खराब प्रदर्शन
- Nvidia: 7.8% गिरा
- Amazon: 9% गिरा
- Microsoft: 2.4% की गिरावट
- AMD: 8.9% टूटा
- Tesla: 5.47% गिरा
- Ford Motors: 6.01% नीचे
डॉलर और ट्रेज़री यील्ड में गिरावट
अमेरिकी डॉलर में भी भारी कमजोरी देखने को मिली। यूरो डॉलर के मुकाबले 1.74% की बढ़त के साथ $1.1037 पर पहुंच गया। वहीं जापानी येन और स्विस फ्रैंक के मुकाबले डॉलर में क्रमशः 1.95% और 2.35% की गिरावट देखी गई।
10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेज़री नोट की यील्ड 14.6 बेसिस पॉइंट घटकर 4.049% पर आ गई, जो नवंबर 25 के बाद सबसे निचला स्तर है।