सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति पर फैसला लेना हुआ मुश्किल, यह है वजह

इजाजत नहीं दे रही।

सूत्रों ने बताया कि वित्त विभाग ने समिति के सामने आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसके साथ ही हाल में विधानसभा में रखी गई कैग की रिपोर्ट का वह हिस्सा भी प्रस्तुत किया गया है जिसमें  वेतन, पेंशन व अन्य खर्चों के बढ़ने पर चिंता व्यक्त की गई है।

कर्मचारियों की नाराजागी का डर : समिति यदि कर्मचारियों की ढ़ांचा और वेतन बढ़ोत्तरी जैसे मांगों पर आपत्ति करती है तो इससे कर्मचारियों के नाराज होने का खतरा है जिससे सरकार चुनाव तक हर हाल में बचना चाहेगी।

वेतन तीन गुना और पेंशन पांच गुना बढ़ी

सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग ने हाल में विधानसभा में रखी गई कैग की रिपोर्ट भी समिति के सामने रखी है। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि पिछले दस सालों में राज्य के राजस्व में दो गुना का इजाफा हुआ है तो वेतन पर होने वाले खर्च में तीन गुना और पेंशन पर होने वाले खर्च में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। 2010 में कर्मचारियों का वेतन 4966 करोड़ से बढ़कर अब 15 हजार करोड़ हो गया। पेंशन का खर्चा दस सालों में 1100 करोड़ से बढ़कर 6200 करोड़ से अधिक हो गया है।