योगेंद्र साव को 15 अप्रैल को रांची कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश

झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को 15 अप्रैल को रांची की जिला अदालत में सरेंडर करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। शुक्रवार को योगेंद्र साव की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया। साव ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के बाद संशोधन याचिका दायर की थी।

शुक्रवार को योगेंद्र साव की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। उनके खिलाफ लंबित सभी मामले हजारीबाग से रांची न्यायालय भेजने का आदेश दिया गया है, लेकिन आदेश में यह नहीं कहा गया है कि उन्हें किस अदालत में और कब सरेंडर करना है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि जब तक हजारीबाग से उनके मामले रांची न्यायालय में स्थानांतरित नहीं हो जाते, तब उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए।

योगेंद्र साव की इस दलील का झारखंड सरकार के वरीय अधिवक्ता तापेश सिंह ने विरोध किया। कहा कि प्रार्थी को सरेंडर करने का निर्देश पहले ही दिया गया है। इस कारण उन्हें गिरफ्तारी से छूट नहीं मिलनी चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने योगेंद्र साव को 15 अप्रैल को रांची की अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया।

एसीजे-सात की अदालत में करेंगे सरेंडर
सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता तापेश सिंह ने बताया कि योगेंद्र साव को 15 अप्रैल को रांची के अपर न्यायायुक्त- सात की अदालत में सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में यह बात रिकॉर्ड की गई है। उनके मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश लागू रहेंग|