हरियाणा : नसबंदी के दौरान विवाहिता की मौत पर महिला डॉक्टर बर्खास्त, बचने को चली थी ये चाल

.

हरियाणा सरकार ने एक विवाहिता के नसबंदी ऑपरेशन के दौरान कथित तौर लापरवाही के कारण मौत होने के मामले में स्थानीय सिविल अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सुभाषिनी गुप्ता को दोषी पाते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

डॉ. गुप्ता की बर्खास्तगी के आदेशों की कॉपी मृतका के पिता सुभाष ने गुरुवार को विभाग और मीडिया को उपलब्ध करवाई। मामले के अनुसार, सिरसा के नाथूसरी खंड के हंजीरा गांव के सुभाष की बेटी सरोज (25) दो बच्चों के बाद स्थानीय सिविल अस्पताल में आठ मई 2017 को नसबंदी के लिए आई थी। विवाहिता को बेहतर सेवा का हवाला देकर डॉ. सुभाषिनी गुप्ता उसे अपने पति के सिरसा के डबवाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गई।

89 दिन कोमा में रहकर हार गई जिंदगी की जंग 

परिजनों के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान ऑक्सीजन गैस खत्म हो गई जिससे सरोज की हालत बिगड़ गई। पांच दिन के बाद सरोज को यहां के एक अन्य निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत न सुधरने पर उसे जयपुर ले जाया गया जहां 89 दिनों तक कोमा में रहने के बाद वह जिंदगी की जंग हार गई।

पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

न्यूज एजेंसी वार्ता के अनुसार, परिजनों ने सरोज के इलाज में लापरवाही का मामला जिला कष्ट निवारण समिति में उठाया था। समिति के चेयरमैन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने आरोपी महिला डॉक्टर सुभाषिनी और उसके पति डॉ. आर.के. जैन के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की।

बर्खास्तगी से बचने को मांगी वीआरएस

इस पर सरोज के पिता सुभाष करीब दो माह पहले स्वास्थय मंत्री अनिल विज से मिले तो उन्होंने मामले की गम्भीरता को देखते हुए डॉ. गुप्ता को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने के आदेश दिए। इस बीच डॉ. गुप्ता ने सेवा से बर्खास्तगी की भनक लगते ही विभाग में समयपूर्व सेवानिवृति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर दिया जिसके तहत उसे आज रिलीव होना था, लेकिन आज जैसे ही सिविल अस्पताल प्रशासन को बर्खास्तगी के आदेशों की सूचना मिली तो मामला खटाई में पड़ गया।

कानूनी राय ले रहा अस्पताल

इस संदर्भ में सिविल अस्पताल के डिप्टी सिविल सर्जन विरेष भूषण से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वह फिलहाल अस्पताल से बाहर हैं। आधिकारिक तौर पर उन्हें अभी तक कुछ नहीं मिला, लेकिन इस तरह के पत्र की विभाग द्वारा जारी करने की खबर अवश्य उन्हें मिली है। अगर बर्खास्तगी का पत्र जारी हुआ है तो डॉ. गुप्ता की समय पूर्व सेवानिवृति को रोक दिया जाएगा। इस बारे में कानूनी राय भी ली जा रही है।