आठ दिन तक जिंदगी से जंग लड़कर हारी दिनदहाड़े जलाई गई पौड़ी की बेटी

मनचले द्वारा दिनदहाड़े जलाई गई उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की बेटी रविवार सुबह जिंदगी की जंग हार गई। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसका निधन हो गया। बता दें कि बुधवार को 70 फीसदी जली हुई हालत में पीड़िता को ऋषिकेश एम्स से एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया गया था।
अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक पीड़िता ने सुबह 10:40 बजे आखिर सांस ली। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराने के बाद से वह वेंटिलेटर पर थी। उसे बेहतरीन उपचार अस्पताल में दिया जा रहा था। लेकिन 70 फीसदी झुलस जाने से उसकी सांस की नली पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी थी। शरीर के कई दूसरे अंगों पर भी प्रभाव पड़ा था। जिसके कारण तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
16 दिसंबर को लड़की अपने कॉलेज से शाम के समय प्रयोगिक परीक्षा देकर घर वापस लौट रही थी। एक जगह बीच रास्ते में मनोज सिंह नाम के आरोपी ने उस पर पेट्रोल डालकर जला दिया था। आरोपी ने लड़की को जलाने के बाद उसकी मां को फोन करके इसकी सूचना दी थी।
बता दें कि लड़की ने करीब ढाई वर्ष पहले इस आरोपी को परेशान करने पर थप्पड़ जड़ा था। वहीं पीड़ित परिवार का अस्पताल में रो-रोकर बुरा हाल था। लड़की के परिजनों की मानें तो वह सैन्य अधिकारी बनाना चाहती थी। लड़की की मां ने आरोपी को फांसी देने की मांग की थी। पोस्टमार्टम हो जाने के बाद रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब लड़की का पूरा परिवार शव को लेकर उत्तराखंड के लिए रवाना हो गया। उस वक्त अस्पताल में उत्तराखंड के कई समाज सेवी संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

उधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पौड़ी की छात्रा के निधन से स्तब्ध हूं। दुःख की घड़ी में सरकार परिजनों के साथ है,समाज में इस तरह के कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। बच्ची की जान बचाने की डॉक्टरों ने हरसंभव कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके। इस घटना के आरोपी को कठोर से कठोर सजा होगी।