क्यों दिल्ली मेट्रो में बार-बार आ रही खराबी, जर्मनी के इंजीनियर सुलझाएंगे समस्या

दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर सिग्नल की खामी 24 घंटे बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई। नोएडा सिटी सेंटर/वैशाली से द्वारका रूट पर ट्रेनों की लोकेशन ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर को नहीं मिल पा रही थी।

इसके चलते ट्रेनों को मैन्युअल मोड से चलाया गया, जबकि सिग्नल की दिक्कत के चलते वैशाली की ओर से आने वाली ट्रेनों को यमुना बैंक पर ही रोका जा रहा था। बुधवार दोपहर 12 बजे से बृहस्पतिवार रात 10 बजे तक लगातार यात्री तकनीकी दिक्कत से जूझते रहे। ब्लू लाइन पर यात्रियों को पंद्रह से बीस मिनट के अंतराल पर मेट्रो मिली।
नोएडा और गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाली मेट्रो की सबसे लंबी व पुरानी ब्लू लाइन पर लगातार सिग्नल की दिक्कत आ रही है। ब्लू लाइन पर दो हफ्ते में तीसरी बार तकनीकी खामी के चलते यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
दिल्ली मेट्रो मुख्यालय (बाराखंबा) स्थित ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर में ब्लू लाइन के 17 इंटरलॉकिंग प्वाइंट (जहां से ट्रेन की लोकेशन सेंट्रल कंट्रोल रूम को जाती है) से सिग्नल की दिक्कत शुरू हुई।
मुख्य कंट्रोल रूम में कभी सिग्नल आता, तो कभी चला जाता। इसी के चलते ट्रेन को मैनुअल मोड में चलाना पड़ा। मैनुअल मोड में चलाने से ट्रेन की स्पीड कम करनी पड़ी। इसी के साथ डीएमआरसी प्रबंधन के इंजीनियर्स की टीम तकनीकी खामी को ठीक करने में जुट गई।

वैशाली से आने वाली ट्रेनें यमुना बैंक पर खाली
वैशाली से द्वारका की ओर जाने वाली ट्रेनों को यमुना बैंक तक ही रोक दिया गया। द्वारका से आने वाली ट्रेनें सिर्फ नोएडा सिटी सेंटर जाने के लिए आ रही थीं। वैशाली जाने वाले यात्रियों को यमुना बैंक पर वैशाली जाने के लिए दूसरी ट्रेन बदलनी पड़ी। इसी प्रकार वैशाली से आने वाली ट्रेनों को यमुना बैंक में खाली करवाया गया।

इंटरलॉकिंग प्वाइंट बने सिग्नल की दिक्कत के कारण
ब्लू लाइन दिल्ली मेट्रो की सबसे लंबी लाइन है। ब्लू लाइन ट्रैक पर मेट्रो रोज 726 से अधिक फेरे लगाती है। इस लाइन पर द्वारका सेक्टर-नौ, जहांगीरपुरी, राजौरी गार्डन, करोल बाग, बाराखंबा रोड, यमुना बैंक, नोएडा सेक्टर-16, आनंद विहार मेट्रो स्टेशन पर मुख्य आठ इंटरलॉकिंग प्वाइट हैं। इन्हीं इंटरलॉकिंग प्वाइंट से ट्रेन की लोकेशन व जानकारी ऑपरेशनल कंट्रोल रूम तक पहुंचती है। बुधवार को इन्हीं इंटरलॉकिंग प्वाइंट से सिग्नल आना बंद हुआ था। इंजीनियर ने देर रात तक सिग्नल सिस्टम को ठीक कर लिया था, लेकिन बृहस्पतिवार को दोबारा सिग्नल मिलने बंद हो गए।

यमुना बैंक, नोएडा व आनंद विहार प्वाइंट पर दिक्कत जारी
मेट्रो प्रबंधन के मुताबिक, बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे तक पांच इंटरलॉकिंग प्वाइंट को ठीक कर लिया गया। हालांकि यमुना बैंक, नोएडा सेक्टर-16, आनंद विहार मेट्रो स्टेशन इंटरलॉकिंग प्वाइंट पूरी तरह ठीक नहीं हो पाए, इसलिए वैशाली से आने और जाने वाली ट्रेनों को यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर रोका जा रहा था। इन तीन प्वाइंट पर इंजीनियर्स की टीम सिग्नल की जांच व निगरानी कर रही हैं।

ट्रेन और स्टेशन पर दिक्कत की घोषणा नहीं हुई
2016 में दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने ब्लू लाइन पर तकनीकी दिक्कत होने पर ट्रेन के अंदर व स्टेशन पर यात्रियों को जानकारी देने की घोषणा की थी। हालांकि बुधवार व बृहस्पतिवार को ट्रेन और स्टेशन के अंदर किसी प्रकार की एनाउंसमेंट नहीं हुई। कविता, नेहा, नीलम और अशोक आदि यात्रियों का कहना था कि नोएडा सिटी सेंटर पर मेट्रो ट्रेन में बैठने से पहले यदि उन्हें तकनीकी खामी की जानकारी होती तो वे ट्रेन में नहीं बैठते। मंडी हाउस तक एक घंटे से अधिक समय पहुंचने में लगा, तब जाकर एनाउंसमेंट सुनाई दी।

तकनीकी खराबी दूर करने के लिए जर्मनी से मदद मांगी
डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने बताया कि सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी के कारण ब्लू लाइन पर मेट्रो सेवा को लेकर दिक्कत हुई। हालांकि तकनीकी खराबी को दूर करने के लिए जर्मनी से मदद मांगी है। ये कंपनी जर्मन की है और वहां इससे जुड़े विशेषज्ञ मौजूद हैं। जल्द ही वहां से मदद मिलने के बाद इस तकनीकी खराबी को दूर किया जाएगा।

हालांकि डीएमआरसी ने मेट्रो सेवा को आसान बनाने के लिए द्वारका सेक्टर-21 से नोएडा सिटी सेंटर के बीच सिग्नल की समस्या को ठीक कर लिया है, इसलिए इस रूट पर तो ट्रेनें ऑटोमेटिक कंट्रोल सिस्टम के जरिये चलती रहीं। इस रूट पर ट्रेनें ऑटोमेटिक तरीके से 3 मिनट 30 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी पर चलाई गईं। यमुना बैंक से वैशाली के बीच 5 मिनट 30 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी पर ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है।