बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि चुनावी गठबंधनों के लिए उनकी पार्टी ने सम्मानजनक सीटें मिलने की शर्त रखी है। गठबंधन में बसपा सीटों के लिए भीख नहीं मांगेगी। गठबंधन नहीं होने पर अकेले अपने बलबूते चुनाव लड़ती रहेगी।
मायावती ने मंगलवार को दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित बहुजन प्रेरणा केंद्र में बसपा संस्थापक कांशीराम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बसपा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम तथा अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ही अपरकास्ट, गरीबों, मजदूरों, किसानों के सम्मान व स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं कर सकती।
इसके लिए उन्हें कांग्रेस और भाजपा सरकारों से चाहे कितनी भी प्रताड़ना क्यों न झेलनी पड़े। बसपा न टूटेगी न झुकेगी। मायावती ने कहा कि बसपा हर सत्ता और षड्यंत्र का सामना करते हुए सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके ‘अपना उद्धार स्वयं करने’ के मिशनरी लक्ष्य को पाने का जीतोड़ प्रयास करती रहेगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बसपा और इसके नेतृत्व को राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल करती हैं। चुनाव के समय इनका यह प्रयास और अधिक विषैला हो जाता है। इससे सावधान रहने की जरूरत है।
भाजपा की सरकारों में भय का माहौल:
मायावती ने कहा कि बसपा कतई नहीं चाहती कि किसी भी कानून का सरकारी मशीनरी के हाथों दुरुपयोग हो, चाहे वह एससी-एसटी कानून ही क्यों न हो। उत्तर प्रदेश की सत्ता में चार बार रहते हुए बसपा ने ऐसा करके दिखाया भी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा साफ तौर पर मजलूमों के साथ खड़ी दिखाई देती थी, न कि जालिमों के साथ। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में भाजपा की सरकारों में हर तरफ भय, आतंक और अराजकता का माहौल व्याप्त है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। ऐसे माहौल से लोगों को बचाना जरूरी है। इसमें बसपा की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।