पिछले साल हुई करोड़ों रुपयों की डकैती के मामले में गुरुग्राम के तत्कालीन पुलिस आयुक्त की संभावित संलिप्तता होने की आशंका जताई है। कोर्ट ने निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया (IPS Officer Dheeraj Setia) की अग्रिम जमानत अर्जी सोमवार को तीसरी बार खारिज कर दी। सेतिया करोड़ों रुपयों की डकैती के इस मामले में संलिप्तता के आरोपी हैं।
गुरुग्राम के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर और याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिकारी या अन्य किसी पुलिस अधिकारी की संलिप्तता में अंजाम दी गई है या नहीं, इसका पता उस वक्त तक नहीं लगाया जा सकता है, जब तक कि याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ ना कर ली जाए।
अदालत ने कहा कि गुरुग्राम के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने ऑफिशियल ऑर्डर पास किया था, जिसके कारण याचिकाकर्ता को डीसीपी (क्राइम) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। अदालत ने यह भी सवाल किया कि क्या आईपीएस अधिकारी को दोहरा प्रभार सौंपने से पहले गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर ने योग्यता और सत्यनिष्ठा की जांच की थी? चोरी के मामले में मुख्य आरोपी डॉ. सचिन्द्र जैन नवल ने आरोप लगाया था कि उसने सेतिया को सोना व नकदी के साथ और ढाई करोड़ रुपये मूल्य के अमेरिकी डॉलर में देकर मामले को रफा-दफा कर दिया था। सेतिया तब गुरुग्राम डीसीपी के पद पर तैनात थे। हालांकि नवल के मुताबिक सेतिया ने बाद में पैसे और सोना लौटा दिया था, लेकिन कुछ हजार डॉलर अपने पास रख लिए थे।