राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में एक तरफ ‘मंडल, अंबेडकर और गांधी की विचारधारा होगी तो दूसरी तरफ गोलवलकर की विचारधारा होगी।
यादव ने समकालीन राजनीति में युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में केंद्र की एनडीए सरकार पर देश में सांप्रदायिक टकराव को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और संविधान खतरे में है।
उन्होंने कहा मेरा मानना है कि 2019 की लड़ाई मंडल, अंबेडकर और गांधी बनाम गोडसे एवं गोलवलकर के रूप में होगी। संविधान और अर्थव्यवस्था पर खतरे के बारे में उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर टकराव की भूमिका तैयार की जा रही है और सत्ता में बैठे लोग इसे गुपचुप तरीके से बढ़ावा देने में लगे हैं। उन्होंने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ युवाओं से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय की लड़ाई बिना कोई समझौता किए लड़ी। उन्होंने कहा मेरे पिता ने सांप्रदायिक और मनुवादियों को सत्ता में आने से रोकने की चुनौती दी थी और इसीलिए वह इनके निशाने पर रहे लेकिन वह अपने संघर्ष के बलबूते इस लड़ाई में मजबूत होकर उभरे। उन्होंने कहा नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने की खातिर युवाओं को सपने बेचे और अब इन सपनों की हकीकत सबको देखना बाकी है।
यादव ने कहा राजद की युवा इकाई इस साल जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव लड़ेगी और अगले साल दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) छात्र संघ के चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। डीयू, जेएनयू और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों द्वारा आयोजित संगोष्ठी में राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने भी संबोधित किया।