चंडीगढ़। हरियाणा के तमाम रोडवेज कर्मचारी 7 अगस्त को राज्य की सभी चार हजार से अधिक बसों का चक्का जाम करेंगे। मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2017 को रद कराने की मांग और 700 बसें किराये पर लेकर चलाने के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने रोडवेज कर्मचारियों के चक्का जाम का समर्थन किया है। साथ ही हाई कोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने की मांग को लेकर 9 अगस्त को सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालने और 20 अगस्त को विधानसभा कूच करने की घोषणा की है।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं ने 7 अगस्त की हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए सभी डिपो का दौरा किया। संघर्ष समिति के नेता इंद्र सिंह बधाना, सरबत सिंह पूनिया, वीरेंद्र सिंह धनखड़ व पहल सिंह तवर का कहना है कि केंद्र सरकार नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र का पूर्ण निजीकरण करना चाहती है। इस एक्ट के लागू होने से आम जनता से किफायती व सुरक्षित सरकारी परिवहन सेवाएं छिन जाएंगी।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस बिल में वाहन चालकों पर सजा व दंड को बढ़ाकर कई गुणा कर दिया गया है। सरकार इस बिल के पास होने से पहले ही इसे लागू करने पर उतावली हो रही है। इसी उतावलेपन के तहत 700 बसों को ठेके पर लेने का फैसला किया गया है, जबकि पूरे प्रदेश में निजी नहीं बल्कि सरकारी बसों की मांग की जा रही है।
उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले से प्रभावित कर्मचारियों को राहत देने के लिए विधानसभा में कानून बनाने व कच्चे कर्मचारियों को शीघ्र पक्का करने के साथ ही 2016 में लगे चालकों व परिचालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने की भी मांग की है। संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सभी विभागों के कर्मचारी 7 अगस्त की सुबह चार बजे से ही सामान्य बस अड्डों पर पहुंचकर चक्का जाम में शामिल होंगे।