माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार पांच फरवरी को ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाएगा। ज्योतिष विशेषज्ञ पं ध्रुव कुमार शास्त्री ने बताया कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रातःकाल 6.43 से पुण्य काल शुरू हो जाएगा जो मध्यान्ह तक रहेगा। इस दिन यायिक, रवि और सिद्ध योग में मां सरस्वती और तक्षक की पूजा करने का विधान बना है। साल की छह ऋतुओं में वसंत के आगमन पर माघ शुक्ल पक्ष पंचमी पर्व पर भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा भी की जाती है। विद्या, बुद्धिदाता, सरस्वती, वाघेश्वरी देवी, वीणा वादिनी, वाग्देवी आदि नामों से पूजा जाता है। शिक्षाविद, विद्यार्थी ज्ञानवान होने की प्रार्थना इसी दिन करते हैं। इस विशेष दिन अबूझ मुहूर्त मानकर विद्यारंभ, अन्नप्राशन, विवाह, मुंडन गृह प्रवेश के शुभ कार्य भी किए जाते हैं। बसंत को ऋतुओं का राजा अर्थात सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना जाता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व जलवायु धरती आकाश और अग्नि अपना मोहक रूप दिखाते हैं। वसंत पंचमी से वसंत ऋतु का आगाज हो जाता है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र पहनकर वसंत पंचमी का स्वागत करती हैं। कहा जाता है कि यह रंग शुद्धि सात्विकता का प्रतीक है। सृष्टि के पालनकर्ता श्रीहरि विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है।