हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन में अन्य दो विधेयकों के साथ ही पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण संशोधन विधेयक, 2021 भी पेश किया जाएगा। चार माह पूर्व अगस्त 2021 में विधानसभा के मानसून सत्र में यह विधेयक पारित किया गया था। इसे 4 सितंबर, 2021 को राज्यपाल ने मंजूरी दी और 9 सितंबर को इसे गजट में प्रकाशित कर लागू किया गया।
सूत्रों के अनुसार सरकार इसके नाम व अन्य प्रावधान में बदलाव कर सकती है। पंचकूला के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद की तर्ज पर मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी गठित करने में पेंच यह है कि इसकी आबादी वर्तमान में 10 लाख से कम है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 पी में नगर निकाय के भाग में महानगर क्षेत्र को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार यह दस लाख या उससे अधिक आबादी वाला क्षेत्र होगा। जिसमें एक या अधिक जिले हों जो दो या दो से अधिक नगर निकाय और पंचायतों या अन्य संलग्न क्षेत्रों से मिलकर बनता हो।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि विधिवत रूप से पीएमडीए कानून बनने के बाद प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने गत 11 अक्तूबर को अधिसूचना जारी कर इसके कानून की धारा 15 को 9 सितंबर 2021 से ही लागू किया था। धारा 15 में पीएमडीए के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) को अधिसूचित क्षेत्र में वर्ष 1963 के कानून अनुसार निदेशक की शक्तियां प्रदान की गई हैं। सरकार ने 2003 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अजित बालाजी जोशी पीएमडीए के सीईओ के तौर पर पदांकित किया हुआ है। हेमंत ने बीते 26 अगस्त को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को प्रतिवेदन भेजकर पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2021 में महानगर शब्द पर आपत्ति भी जताई थी।