आंखों से संबंधित कई प्रकार की बीमारियां वक्त के साथ लगातार बढ़ रही हैं। कुछ दशकों पहले तक आंखों की समस्याओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाले विकारों के रूप में जाना जाता था, हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार पाए जा रहे हैं। कई मामलों में देखा गया है कि कम उम्र में बच्चों और किशोरों को पावर वाला चश्मा लग जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन के साथ नियमित रूप से कुछ अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है। पलकों को झपकाने की आदत इसमें सबसे फायदेमंद मानी जाती रही है।
eyedrop से हट सकता है , चश्मा ?
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने पहली बार एक ऐसे आईड्रॉप को बाजार में बिक्री की मंजूरी दी है। इस आई ड्रॉप को प्रेसबायोपिया से पीड़ित रोगियों के लिए बनाया गया है जो बिना चश्मे के भी पढ़ पाएंगे।
प्रेसबायोपिया एक आम नेत्र रोग है, जो उम्र के साथ विकसित होता है। आमतौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद व्यक्तियों को यह स्थिति प्रभावित करती है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें आंखों के लेंस का लचीलापन कम हो जाता है, जिससे निकट की वस्तुओं को साफ दिखना कठिन हो जाता है। सरल शब्दों में, यह एक प्रकार का निकट दृष्टि दोष है जो आमतौर पर 40 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में पाया जाता है।
इस ड्रॉप को लेकर कंपनी ने अपने बयान में कहा कि यह फार्मूला न केवल पढ़ने वाले चश्मे से छुटकारा दिलाता है बल्कि मरीज को एक अतिरिक्त लाभ देता है। आंखों के स्वास्थ्य में सुधार से चश्मा हटाने के साथ ही यह आई ड्रॉप आंखों को नमी देने में भी मदद करता है।