प्रयागराज ,
11 साल के एक बालक को कुत्ते ने काट लिया। माता-पिता ने एंटी रेबीज इंजेक्शन भी लगवा दिया। लेकिन, बेटा उन्हें देखने ही भौंकने लगता। उसके लेटने-बैठने का अंदाज तक बदल गया। वह माता-पिता को कुत्ते की तरह चाटता, खाना-पानी देने पर दुम हिलाने की कोशिश करता। परेशान पिता उसे कॉल्विन हॉस्पिटल ले गए तो पता चला कि वह लाइकेंथ्रोपी नाम की बीमारी से पीड़ित है। यहां मनोचिकित्सक की जांच में पता चला कि वह लाइकेंथ्रोपी या लाइकोमेनिया का शिकार हो गया है। यह बीमारी लाखों में किसी एक को होती है। इसमें व्यक्ति जैसा सोचता है, वैसा ही व्यवहार करने लगता है। डॉक्टरों की काउंसलिंग के दौरान बालक ने बताया कि वह खुद को कुत्ता समझता है। उसे लगता है कि जब से कुत्ते ने काटा है, वह इंसान नहीं रहा। चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू कर दिया है।