माता शैलपुत्री की पूजा पहले दिन की जाती है, इस बार का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11.38 बजे से शुरू होगा. यह मुहूर्त 12:23 बजे तक रहने वाला है. इसके बाद वैधृति योग की शुरुआत 12 बजकर 24 मिनट पर होगी. शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए आपके पास सिर्फ 45 मिनट का ही समय होगा इस बार। देवी माता को अक्षत, सफेद फूल, धूप के साथ ही दीप, फल व मिठाई अर्पित किया जाता है. पूजा के दौरान मंत्रों का सही उच्चारण करना चाहिए और फिर पूरे मन से माता शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद घी का दीपक जलाकर मां शैलपुत्री की आरती करें. पूजा जब खत्म हो जाए तो उसके बाद मां शैलपुत्री से आशार्वाद लें और प्रार्थना करें की माता आपकी पूजा को स्वीकार करें. दूध से बनी मिठाई का माता को भोग चढ़ाएं.