
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इन टीमों द्वारा 7 अक्तूबर से 29 अक्तूबर तक दिल्ली में सघन अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान धूल प्रदूषण को लेकर जारी 14 सूत्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और ग्रीन मार्शल के साथ प्रशिक्षण का एक कार्यक्रम चलाया। इसमें दिशा-निर्देशों पर विशेषतौर पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनकी घोषणा धूल प्रदूषण रोकने के लिए पहले की गई थी।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर गुरुवार से धूल प्रदूषण को रोकने के लिए जारी 14 सूत्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। इसके संबंध में सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया जा चुका है। धूल रोधी अभियान में डीपीसीसी की 17 और ग्रीन मार्शल की 14 टीमें शामिल हैं। निर्माण स्थलों पर नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
पिछले साल भी चला था अभियान
पिछले साल के अनुभवों को समाहित करते हुए इस बार ज्यादा व्यवस्थित अभियान चलाया जाएगा। इस क्रम में सरकारी निर्माण एजेंसियों के साथ-साथ निजी निर्माण एजेंसियों के साथ भी बैठक की जा चुकी है।
मोबाइल वैन से निगरानी
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि डीपीसीसी के इंजीनियरों की 17 टीमें अलग-अलग जिलों में काम करेंगी। ग्रीन मार्शल की 14 टीमें मोबाइल वैन के साथ विभिन्न क्षेत्रों की निगरानी करेंगी। इसके लिए पूर्वी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, दक्षिण पूर्वी दिल्ली और दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में डीपीसीसी की एक-एक टीम लगाई गई है।
दो दिन जवाब नहीं देने पर जुर्माना लगेगा
दो दिन का समय दिया जाएगा। दो दिन के बाद भी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
एनजीटी द्वारा 2016 में जारी गाइडलाइन के मुताबिक सौ वर्ग मीटर के प्लॉट पर दस हजार रुपये, सौ से 200 वर्ग मीटर के प्लॉट पर 20 हजार रुपये, दो सौ से पांच सौ वर्ग मीटर के प्लॉट पर 30 हजार रुपये और 500 वर्ग मीटर से अधिक बड़े प्लॉट पर 50 हजार जुर्माना लगाया जाएगा। 20 हजार वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट पर पांच लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।