संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में 3453 बेड आरक्षित

गुरुग्राम। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी हद तक सुधार आया है। सुविधाएं और संसाधन भी पहले के मुकाबले बढ़े हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के नए स्वरूप ओमीक्रोन से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग तैयार है। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 3453 बेड आरक्षित पड़े हैं।

 सरकारी स्वास्थ्य चिकित्सा संस्थानों में 100 एलपीएम से लेकर 250 से 500 एलपीएम क्षमता के 11 से अधिक पीएसए ऑक्सीजन संयत्रों की स्थापना की गई है। सरकारी संस्थानों के अलावा जिले के निजी अस्पतालों में भी 13 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। इनकी औसत क्षमता 500 एलपीएम है। नागरिक अस्पताल सेक्टर 10 में पीएम केयर फंड से एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला यंत्र लगाकर चालू किया जा चुका है। वहीं निजी कंपनी के सहयोग से यहां पहले भी डेढ़ टन का ऑक्सीजन पीएसए प्लांट लगाकर चालू किया जा चुका है। इससे अस्पताल के सभी 100 बेड पर 24 घंटे निर्बाध गति से ऑक्सीजन की सप्लाई हो पा रही है।

सेक्टर-38 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में लगे ऑक्सीजन प्लांट में आपात स्थिति में सिलेंडर भरने की भी सुविधा उपलब्ध है। इसकी क्षमता 1650 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन के उत्पादन की है। राज्य सरकार ने जिले के बड़े निजी अस्पतालों को अपने परिसर में दिसंबर तक ऑक्सीजन प्लांट लगाने का समय निर्धारित किया हुआ है।

3200 से ज्यादा नमूनों की रोजना जांच:

 दस दिनों से जिले में रोजाना 3200 से 3500 के बीच नमूनों की कोरोना जांच की जा रही है। ये सरकारी और निजी लैब के आंकड़ों को मिलाकर है। इससे पहले प्रतिदिन औतसन तीन हजार नमूनों की ही जांच हो रही थी। नमूनों की जांच रिपोर्ट लोगों को 24 घंटे के अंदर ही मिल रही है। लोगों की सुविधा के लिए विभाग सार्वजनिक स्थानों, जैसे बाजार और मुख्य चौराहों पर भी कोरोना जांच के लिए शिविर लगा रहा है। एनएचआरसी की गाइडलाइंस के अनुसार नागरिकों के अधिकार, ग्रीवेंस रिड्रेसल, जांच की दरें, कोविड ट्रीटमेंट और रेफर्ल प्रक्रिया संबंधी जानकारी शामिल हो। इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधनों को बेवजह कोरोना जांच करवाने से बचने और अनावश्यक रूप से बार-बार व्यक्ति की जांच न करवाने की भी हिदायत दी गई।