बिहार सरकार एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से कर्ज लेगी। पांचों स्टेट हाइवे के उन्नयन के लिए बिहार राज्य पथ विकास निगम और एडीबी के बीच कर्ज पर सहमति बन गई।
सोमवार को निगम और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच समीक्षा बैठक हुई। अधिकारियों के अनुसार इन सभी सड़कों को अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया जाना है। सभी परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 2680 करोड़ आंकी गई है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक लगभग 329 मिलियन डालर का ऋण भारत सरकार को देगी।
मंत्रालय के अनुसार कम से कम 80 फीसदी भूमि का अर्जन किया जाना आवश्यक होगा। निगम के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि एसएच-95, एसएच-98 और एसएच 101 में पर्याप्त मात्रा में जमीन अधिग्रहित कर ली गई है। जबकि एसएच-99, 105 और 103 में भू-अर्जन का प्रगति कार्य संतोषजनक है।
एलाइनमेंट में पेड़ों को लगाया जाएगा
इन सड़कों के निर्माण से न केवल आवागमन आसान होगा बल्कि लोगों के समय भी बचेंगे। सड़कों का एलाइनमेंट तय करते समय अगर पेड़ आए तो उसे दूसरे स्थानों पर लगाया जाएगा। घरों को पुनर्वासन किया जाएगा और उन्हें रहने के लिए वैकल्पिक स्थान दिया जाएगा। एसएच-95 के निर्माण से सिमरी बख्तियारपुर पर आवागमन में लगभग 2 से 2:30 घंटे की बचत होगी।
एसएच-98 के निर्माण से पूर्वी बिहार से उत्तरी पश्चिम बंगाल आने-जाने में सुविधा होगी। एसएच-99 के बन जाने से सुदूरवर्ती जिले किशनगंज से एनएच-30, एनएच-327 और इंडो-नेपाल बॉडर रोड के द्वारा बिहार के अन्य जगहों पर आने-जाने में सुविधा होगी।
यह होगा लाभ
एसएच-101 के निर्माण के बाद अम्बा माता के मंदिर तथा देव के सूर्य मंदिर आना-जाना आसान हो जाएगा। इससे इन स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गया, नवादा, बिहारश्रीफ, बांका, भागलपुर, औरंगाबाद आदि जगहों पर पहुंचने के लिये अपेक्षाकृत कम दूरी तय करनी पड़ेगी।
देवघर एवं गया जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग का काम करेगा। बेतिया से नरकटियागंज एसएच-105 के बन जाने से बेतिया से नरकटियागंज आने-जाने हेतु वैकल्पिक मार्ग का काम करेगा तथा चनपटिया से नरकटियागंज आने-जाने हेतु कम दूरी तय करनी पड़ेगी।