प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाये गए स्वच्छ भारत अभियान मे एक जगह ऐसी भी है जंहा इसका गलत इस्तेम्मल किया जा रहा है। वंहा पिछले एक साल से कोई सफाई कर्मी नहीं देखा गया है और न ही वंहा कोई सफाई हुई है। जब उन सफाई कर्मिओ के खिलाफ जांच पड़ताल की गयी तो पता चला की वंहा के अफसरों ने उन्हें गांवों की गलियों से हटाकर अपने बंगले और दफ्तरों से संबद्ध कर दिया गया है। ऐसे में गांव के सफाई कर्मी दफ्तरों में चाय-समोसा पहुंचाने से लेकर बंगलों पर खाना बनाने, बागवानी सींचने या फिर गाड़ियां चलाने का काम कर रहे हैं।ऐसे मे जिले के 29 खंडो का बहुत बुरा हाल है। चारो तरफ कचरे का ढेर है। तो कहीं नालियां बह रही हैं। ऐसे मे राज्य सरकार से दरख्वास्त की गयी है ,की वह इसके खिलाफ जल्दी से जल्दी कार्यवाही करे।